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झाँसी: खेतों में फसल अपशिष्ट न जलाएं. इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. साथ ही फसल की उवर्रा शक्ति भी कम हो जाती है. जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने लोगों से अपील करते हुए यह बात कही और पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए उड़नदस्ता टीम और अनुश्रवण सेल गठित कर दी.
डीएम कल्यानपुरा ग्राम पंचायत स्थित गौवंश आश्रय स्थल गए. यहां उन्होंने गौंवशों के संरक्षण व संवर्धन का जायजा लिया. जिम्मेदारों से गौशाला में गौवंशों की संख्या, उनको उपलब्ध कराए जाने वाले भूसे व साइलेज के स्टाक आदि की जानकारी ली. गौशाला जाने वाले रास्ते पर एक क्षतिग्रस्त पुलिया को दुरुस्त कराने के उन्होंने निर्देश दिए. भ्रमण के पश्चात जिलाधिकारी ने फसल अवशेष जलाने की घटनाएं रोकने के लिए तहसीलवार उड़नदस्ता टीम गठित की. जिसमें संबंधित तहसील के एसडीएम, सीओ, कृषि विभाग के अधिकारी शामिल हैं. जो किसी भी स्थिति में धान, अन्य फसलों के काटने के समय से लेकर रबी में गेहूं की बुवाई तक प्रतिदिन फसल अवशेष जलाने की घटनाओं व इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी कार्यवाही करेंगे तथा इसकी सूचना गठित सेल को भेजेंगे. पराली जलाये जाने की घटनायें पाये जाने पर उड़नदस्ता सम्बंधित थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराएगा. इस सम्बंध में जानकारी देते हुए उप कृषि निदेशक ने बताया कि खेतों में अवशेष जलाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर सम्बंधित को हर्जाना देना पड़ेगा. यह जुर्माना जमीन के क्षेत्रफल के आधार पर लगेगा.