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जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शीतलहर से बचाव को लेकर जारी की एडवाइजरी
बलरामपुर: आगामी दिनों में संभावित ठण्ड व शीतलहर से बचाव के लिए क्या करें और क्या न करें, के सम्बन्ध में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। बचाव सम्बन्धी जानकारी देते हुए जिलाधिकारी डा0 महेन्द्र कुमार ने जनसामान्य से अपील की है कि लोग स्वयं भी सचेत होकर शीतलहर आपदा से बचाव कर सकते हैं। जिलाधिकारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि स्थानीय रेडियो से मौसम की जानकारी लेते रहें। सदियों के लिए पर्याप्त कपड़ो का स्टॉक करें। कपड़ों की कई परतें अधिक सहायक होती है। आपातकालीन आपूर्ति जैसे भोजन, पानी, ईधन बैटरी चार्जर, आपातकालीन प्रकाश और साधारण दवा तैयार रखे।
घर में ठंडी हवा के प्रवेश रोकने हेतु दरवाओं तथा खिड़कियों को ठीक से बंद रखें। फ्लू नॉक बहना/भरी नाक या नाक बंद जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना आमतौर पर ठंड में लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होती है। इस तरह के लक्षणों से बचाव हेतु आवश्यक सावधानी बरतें तथा स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों या डॉक्टर से परामर्श करें।
शीतलहर के दौरान मौसम की जानकारी तथा आपातकालीन प्रक्रिया की जानकारी का बारीकी से पालन करें एवं शासकीय एजेसियों की सलाह के अनुसार कार्य करें। जितना हो सके घर के अंदर रहे और ठंडी हवा बारिश बर्फ के संपर्क को रोकने के लिए कम यात्रा करें। एक परत वाले कपड़े की जगह ढीली फिटिंग वाले परतदार हल्के कपउे, हवा रोधी/सूती का बाहरी आवरण तथा गर्म उनी भीतरी कपड़े पहने। तंग कपडे खून के बहाव को रोकते हैं, इनसे बचें।
खुद को सूखा रखें, शरीर की गरमाहट बनाये रखने हेतु अपने सिर गर्दन, हाथ और पैर की उँगलियों को पर्याप्त रूप से ढके और गीले कपड़े तुरंत बदलें। बिना उँगली वाले दस्ताने (हैएड ग्लब्स) का प्रयोग करें। यह दस्ताने उंगलियों को बचाये रखने में मदद करते हैं। अपने फेफड़ों को बचाने के लिए मुँह तथा नाक ढक कर रखें। शरीर कि गर्मी बचाये रखने के लिए टोपी, हैट मफलर तथा आवरणयुक्त एवं जलरोधी जूतों का प्रयोग करें। सिर को ढके क्योंकि सिर के ऊपरी सतह से शरीर की की हानि होती है।
सर्दी के दौरान उत्तम स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य वर्धक भोजन करें। पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पीएं, इससे ठंड से लड़ने के लिए शरीर की गर्मी बनी रहेगी। तेल, पेट्रोलियम जेली या बाड़ी क्रीम से नियमित रूप से अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज करें। बुजुर्ग लोगों, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का ध्यान रखे एवं ऐसे पड़ोसी जो अकेले रहते है विशेषकर बुजुर्ग लोगों का हाल चाल पूछते रहें। आवश्यकता अनुसार जरूरी सामग्री का भंडारण करें। जरूरी मात्रा में पानी भी रखें क्योंकि ठण्ड से पानी पाइप में जम सकता है। आवश्यकता अनुसार रूम हीटर का उपयोग कमरे के अंदर ही करें तथा रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें।
जिलाधिकारी ने बताया कि कमरों को गर्म करने के लिए कोयले का प्रयोग न करें। अगर कोयले तथा जलाना आवश्यक है तो उचित चिमनी का प्रयोग करें। बंद कमरों में कोयले को जलाना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस पैदा करती है। इसके साथ ही स्वास्थ्य सम्बन्धी सावधानियां भी निश्चित रूप से बरतनी चाहिए। शराब का सेवन करने से बचें। हाइपोथीमिया ग्रसित व्यक्ति को गर्म स्थान पर रखें तथा कपड़े बदलें। प्रभावित व्यक्ति के शरीर को गर्म करें।