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बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज बढ़कर हुआ 1 लाख 26 हजार क्यूसेक
हस्तिनापुर: मैदानी और पहाडी क्षेत्रों में हो रही बरसात ने खादर क्षेत्र से होकर गुजरने वाली गंगा नदी लगातार अपना कहर बरपा रही है। बिजनौर बैराज से गंगा नदी में लगातार डिस्चार्ज में हो रहे उतार-चढ़ाव ने खादर के लोग चिंता में है। गंगा किनारे बसे कई गांव बाढ़ की चपेट में है। शनिवार को बिजनौर बैराज से 1 लाख 26 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया। जो रविवार को एक बार फिर खादर के हालात नाजुक बना सकता है।
वहीं, बाढ़ क्षेत्र में बनाई गई बाढ़ चौकियां खाली नजर आने लगी है। बिजनौर बैराज पर तैनात जेई पीयूष कुमार के अनुसार देर शाम 1 लाख 26 हजार 335 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज चला रहा था। जबकि हरिद्वार से चल रहे पानी का डिस्चार्ज घटकर 96 हजार क्यूसेक रह गया। शनिवार को बिजनौर बैराज से पानी छोड़ने से आज गंगा किनारे बसे मनोहरपुर, किशनपुर, दुधली, बधुवां, खेड़ीकलां आदि आधा दर्जन से भी अधिक गांवों को अपनी चपेट में ले सकता है।
प्रशासन की व्यवस्था हो रही बौनी
तहसील प्रशासन बाढ़ से एक माह पूर्व से बाढ़ की तैयारी करता नजर आ है, लेकिन ये तैयारी कैसी है? इसका अंदाजा महज इस बात से ही लगया जा सकता है कि एक माह पूर्व बाढ़ चौकियां तो बना दी गई, लेकिन उन पर तैनात कर्मचारियों का कहीं कोई अता-पता नहीं है।
अब्दुल्लापुर में रही चार घंटे आपूर्ति बाधित
मेरठ: मोहर्रम के जुलुस को लेकर विद्युत विभाग ने भी सावधानी बरतते हुए चार घंटे का कट लिया। इस दौरान विभाग के अधिकारी भी ताजियों के जलूस के साथ चलते रहे और किसी भी तरह की अनहोनी न हो इसको लेकर चौकसी बरती जाती रही। शनिवार को मोहर्रम के चलते किला रोड स्थित अब्दुल्लापुर में ताजियां निकाली जाती है। इसको लेकर विद्युत विभाग भी चौकस नजर आया।
गौरतलब है कि बीती 15 जुलाई को इसी रोड पर स्थित राली चौहान गांव की प्रवेश रोड पर बेहद दुखद हादसा हो चुका है जिसमें छह शिवभक्तों को अपनी जान गवांनी पड़ी थी। इस हादसे में विद्युत विभाग की लापरवाही भी सामने आई थी जिसके बाद विभाग के अधिकारियों ने ताजियों के जलूस को लेकर सावधानी बरती। अब्दुल्लापुर में शनिवार दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक चार घंटे का कट लिया गया था। ताजियों का जलूस निकलने के दौरान विभाग के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे और जलूस की समाप्ति के बाद ही विद्युत आपूर्ति शुरू की गई।
हालांकि चार घंटे बिजली नहीं मिलने से यहां रहने वाली जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा लेकिन एहतियात के तौर पर बिजली विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम का कहीं विरोध नहीं हुआ। राजेन्द्र बहादुर, अधिक्षण अभियंता ने बताया कि मोहर्रम के जलूस को लेकर अब्दुल्लापुर में चार घंटे का शट्डाउन लिया गया था। यह कदम किसी भी तरह के हादसे को रोकने के लिए उठाया गया था। जलूस समाप्त होने के बाद विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से शुरू करा दी गई।