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दिव्यांग मतदाताओं ने इलाज में छूट की व्यवस्था की मांग की
नोएडा: लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही दिव्यांग मतदाताओं ने भी अपने जनप्रतिनिधियों के सामने उनके जीवन में आने वाली प्रतिदिन की परेशानियों को सामने रखना शुरू कर दिया है. जिले में दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 10502 है. उनकी मांग है कि उन्हें इलाज में छूट दी जाए और जीनव सुरक्षा उपकरणों को जीएसटी से मुक्त की जाए.
सेक्टर 23 के रहने वाले अजीत सिंह ने बताया कि 12 में हुए एक सड़क हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई. इसके बाद से वह लगातार व्हील चेयर पर हैं. उनका अभी भी निजी अस्पताल से इलाज चल रहा है, जहां लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बार जो भी नई सरकार आएगी. उनकी प्रमुख मांग है कि दिव्यांग लोगों को सरकारी अस्पताल में इलाज की सारी सुविधाएं दी जाए. इसके साथ ही उनको जीवन सुरक्षा उपकरणों पर जीएसटी और आयात शुल्क से राहत दी जाए. सेक्टर 22 की रहने वाली लोरी कुमारी ने बताया कि में एक सड़क हादसे में उन्होंने अपना एक पैर खो दिया. वह एक खिलाड़ी भी हैं. वह जिन कृतिम पैरों का इस्तेमाल करती हैं, जो विदेश में बनते हैं. यह उपकरण आयात होकर देश में पहुंचते हैं, तब इनकी कीमत लाखों में पहुंच जाती है. इनकी खरीद को लेकर कोई छूट भी नहीं मिलती. लोरी ने बताया कि उनकी सरकार से मांग है कि इलाज के साथ ही जीवन सुरक्षा उपकरणों में छूट मिले.
बाल चिकित्सालय में नर्सिंग कोर्स शुरू करने की तैयारी: इलाज में छूट दी जाए और जीनव सुरक्षा उपकरणों को जीएसटी से मुक्त की मांगबाल चिकित्सालय में डीएनबी और नर्सिंग कोर्स शुरू करने की तैयारी है. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा को बाल चिकित्सालय पहुंचे. अस्पताल के निदेशक डॉ. एके सिंह और सभी चिकित्सकीय विभागों के प्रमुख के साथ बैठक की.
अस्पताल में अगले सत्र से डिप्लोमैट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) और नर्सिंग के अलग-अलग कोर्स शुरू करने की तैयारी है. किन-किन चिकित्सकीय विभागों में डीएनबी कोर्स शुरू होगा अभी यह स्पष्ट नहीं है. एक सप्ताह में इसके बारे में सभी पहलू स्पष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि कोर्स शुरू करने के लिए संबंधित संस्थान में आवेदन किया जा सके. प्रमुख सचिव ने अस्पतालों में डॉक्टरों की स्थिति, मरीजों को मिल रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली. बाल चिकित्सालय के निदेशक डॉ. एके सिंह ने पिछले छह महीने में अस्पताल में हुए नए कार्यों के बारे में बताया. साथ ही भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी.
बेसमेंट में भरा पानी समस्या: बाल चिकित्सालय के बेसमेंट में कई सालों से गंदा पानी इकट्ठा होता है. इसे ठीक करने के लिए कई बार प्राधिकरण को पत्र लिखा जा चुका है. नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने कई बार अस्पताल का दौरा भी किया, लेकिन मामले का हल नहीं निकला.