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इलाहाबाद न्यूज़: मानसून के प्रयागराज में आने की संभावना से शहरवासी गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद लगाए हैं. झमाझम बारिश से निश्चित तौर पर तापमान कम होगा. यही बारिश शहर के 150 से अधिक मकानों पर आफत बनकर भी टूट सकती है. पिछले साल हटिया चौराहा पर एक जर्जर मकान का बारजा गिरने से पांच लोगों की जान चली गई थी. 2020 में भी गऊघाट में जर्जर मकान की छत गिरने से एक महिला की मौत हुई. शहर के जर्जर मकानों पर खतरा फिर मंडरा रहा है.
पिछले साल सितंबर में तेज बारिश के बीच बारजा गिरने से हुई मौत के बाद नगर निगम ने शहर के सभी जर्जर मकानों को गिराने की योजना बनाई. 150 से अधिक भवनस्वामियों को नोटिस दिया गया. हटिया हादसे के बाद दारागंज में नागवासुकि मंदिर के पास एक जर्जर मकान तोड़ा गया. शाहगंज में एक और जर्जर मकान तोड़ने की तैयारी थी. उसी समय प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर आगमन की योजना बनी तो मकान का ध्वस्तीकरण टाल दिया गया. तब से एक मकान नहीं टूटा. अचानक नगर निगम ने मकानों को तोड़ने की योजना की जगह भवनस्वामियों को मरम्मत का निर्देश दिया.
जर्जर भवन तोड़ने की बनी थी योजना हटिया हादसे के बाद नगर निगम ने हर एक जर्जर मकान तोड़ने की योजना बनाई. मकानों को तोड़ने वाला दस्ता भी तैयार हो गया. अचानक नगर निगम ने मकानों को तोड़ने की योजना टाल दी. अब तो हाल यह है कि लोग जर्जर मकान तोड़ने के लिए विनती कर रहे हैं. नगर निगम से मदद मांग रहे हैं. जर्जर मकान तोड़ने के लिए लोग कीमत भी देने को तैयार हैं. पिछले साल ही एक पूर्व विधायक ने सिविल लाइंस में जर्जर मकान तोड़ने की गुहार लगाई.
नहीं पता कितने जर्जर मकानों की हुई मरम्मत
नगर निगम ने जर्जर भवनों की मरम्मत का भवनस्वामियों को निर्देश तो दिया, लेकिन अफसरों को नहीं पता कि कितने कमजोर मकानों की मरम्मत हुई. नोटिस के बाद मरम्मत का पत्र भेजकर नगर निगम जर्जर मकानों को भूल गया. मकानों की मरम्मत हुई या नहीं,
शहर में 150 जर्जर भवनों के मालिकों को मरम्मत कराने का नोटिस दिया गया. यह सही है कि मकानों के मरम्मत की जांच नहीं हुई. अब मकानों में मरम्मत हुई या नहीं, इसकी जांच करेंगे.
- सतीश कुमार, मुख्य अभियंता नगर निगम प्रयागराज