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रामवीर उपाध्याय के निधन पर नहीं व्यक्त की संवेदना, बसपा के पुराने सिपाही को मायावती ने भुलाया
जिस बसपा के लिए दिवंगत रामवीर उपाध्याय (Former Minister Ramveer Upadhyay) ने अपना पूरा जीवन लगा दिया था, आज उनके निधन के बाद पार्टी ने अपने दिग्गज नेता को याद करना भी मुनासिब नहीं समझा. निधन से कुछ महीने पहले बसपा के छोड़ने और भाजपा को ज्वाइन करने के बाद मायावती ने पार्टी के इस दिग्गज सिपाही को शायद भुला दिया. बसपा में कई बार विधायक और मंत्री रहे रामवीर उपाध्याय के निधन पर जहां एक ओर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शोक संवेदना व्यक्त की हैं तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल पर किसी भी प्रकार की कोई शोक संवेदना संदेश तक नहीं दिया.
बसपा सुप्रीमो ने नहीं की शोक संवेदना व्यक्त... आज से 29 साल पहले सन 1993 में गाजियाबाद से वकालत छोड़कर हाथरस आए, रामवीर उपाध्याय ने बसपा पार्टी को हाथरस में जन- जन तक पहुंचाया. बसपा में रामवीर उपाध्याय कई विधायक व कैबिनेट मंत्री तक रहे. बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल पर रामवीर उपाध्याय के निधन पर कोई भी शोक संवेदना अभी तक व्यक्त नहीं की है. मायावती के टि्वटर अकाउंट पर 4 दिन पहले राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मिलने वाली पोस्ट दिखाई दे रही है. शायद शोक संवेदना व्यक्त न करने का कारण यह तो नहीं है कि रामवीर उपाध्याय अपने अंतिम समय में बसपा को छोड़ भाजपा का दामन थाम चुके थे.
जिस बसपा में रामवीर उपाध्याय ने अपना अधिकतर राजनीतिक सफर तय किया उसके सुप्रीमो ने कोई भी संवेदना व्यक्त नहीं की है वही अगर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ट्विटर हैंडल पर गौर करें तो योगी आदित्यनाथ ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ राजनेता श्री रामवीर उपाध्याय जी का निधन अत्यंत दुखद है. सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री रामवीर उपाध्याय जी का निधन अपूरणीय क्षति है.