उत्तर प्रदेश

सरकारी चकाचौंध में भूले-बिसरे नजर आए धनवंतरि

Admin4
22 Oct 2022 6:30 PM GMT
सरकारी चकाचौंध में भूले-बिसरे नजर आए धनवंतरि
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अयोध्या। आयुर्वेद के जनक धनवंतरि का जन्म समुद्र मंथन के दौरान दीपावली के दो दिन पूर्व त्रयोदशी अर्थात धनतेरस को हुआ था। एक पखवारे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने हर दिन, हर घर आयुर्वेद अभियान के तहत धनवंतरि की जयंती को लेकर मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को पत्र भेज विभिन्न प्रकार के आयोजन की बात कही थी।
हालांकि दीपोत्सव को लेकर सरकारी चकाचौंध में धनवंतरि अपनी जयंती पर भी भूले बिसरे नजर आए। पीएम की चिट्ठी के बावजूद कोई कार्यक्रम नहीं हुआ। कुछ हुए भी तो आयुर्वेद से जुड़े लोगों ने किया।
पौराणिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन से निकले विष का शिवशंकर ने पान किया था तो धनवंतरि ने ही अमृत प्रदान किया था। कई अमृतमय औषधियों की खोज के चलते इनको आरोग्य का देवता भी कहा जाता है। एक पखवारे पूर्व शासन की सचिव आराधना शुक्ला ने डीएम, कमिश्नर को पत्र भेजा था।
कहा था कि पीएम मोदी ने धनवंतरि जयंती को लेकर 11 अक्टूबर को जिला स्तरीय आयुर्वेद, युनानी व होम्योपैथी की प्रदर्शनी, उपचार व परामर्श स्टाल लगाने तथा इसी दिन हाईस्कूल व इंटर के बच्चों के बीच मेरे दैनिक जीवन में आयुर्वेद की उपयोगिता विषयक भाषण प्रतियोगिता कराने की इच्छा जाहिर की है।
कार्यक्रम के तहत 17 को मंडल/परिक्षेत्र तथा 21 को राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता होनी थी। विजयी प्रतिभागियों को 1100 से लेकर 51000 तक इनाम दिया जाना था।
हालांकि दीपोत्सव को लेकर प्रशासनिक मशीनरी ने पीएम की इच्छा को भी दरकिनार कर दिया। वहीं बाजार की चकाचौंध में जयंती पर धनवंतरि भूले-बिसरे नजर आए। देश की प्राचीन उपचार पद्धति तथा उसके जनक को लेकर बातें तो लंबी-चौड़ी की गई लेकिन जयंती पर उनको याद करना गंवारा न हुआ।
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