उत्तर प्रदेश

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की आयोजन समिति में डीजीपी का नाम

Shantanu Roy
29 Sep 2022 3:32 PM GMT
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की आयोजन समिति में डीजीपी का नाम
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कानपुर। 6 अक्टूबर को लखनऊ के इकाना स्टेडियम में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच होना है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) ने 13 सदस्यों की आयोजन समिति घोषित कर दी है। इसमें प्रदेश के डीजीपी का नाम भी शामिल है। यही समिति इस मैच का आयोजन कराने में महत्वपूर्ण सक्रिय भूमिका अदा करेगी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की आयोजन समिति में डीजीपी को शामिल करना लोढ़ा समिति की सिफारिशों का उल्लंघन माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश पुलिस के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति की ताकतों का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। लोढ़ा कमेटी में स्पष्ट उल्लेख है, कि कोई सरकारी पद पर रहते हुए बनने वाली कमेटी में शामिल नहीं रह सकता है। यूपीसीए द्वारा बनाई गई आयोजन समिति में कुल 13 सदस्य हैं। प्रदेश के डीजीपी डीएस चौहान को समिति की सूची में आठवें नंबर पर रखा गया है। संघ के अध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव के बाद अपैक्स कमेटी के कई सदस्य और कई जिलों के कार्यकारिणी सदस्य शामिल किए गए हैं। यह बात अलग है कि आयोजन समिति में शामिल कुछ नए सदस्य पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के दौरान स्टेडियम पर मौजूद होंगे।
प्रदेश में गृह विभाग के सबसे बड़े पद पर बैठे डीजीपी डीएस चौहान बुलंदशहर क्रिकेट संघ से नाता रखते हैं। इस नाते यूपीसीए और डीजीपी चौहान के पुराने रिश्ते है। बताया जा रहा है कि चौहान बुलंदशहर क्रिकेट संघ के कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके है। वर्तमान में भी वह जुड़े हुए है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन बीसीसीआई और लोढ़ा समिति की सिफारिशों का खुलेआम उल्लंघन कर रहा है। समिति की सिफारिशों के मुताबिक, एक व्यक्ति अगर सरकारी नौकरी पर है, तो वह खेल संघ के किसी भी पद पर काबिज नहीं हो सकता। यही नहीं अगर कोई पदाधिकारी दूसरे किसी खेल संघ में पदाधिकारी है, तो वह भी शामिल नहीं हो सकता है। किसी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस लगाई जाती है। जिसका पूरा खर्चा यूपीसीए द्वारा वहन करना पड़ता है। औसतन एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर खर्च होने वाली रकम 15 से 25 लाख के बीच रहती है। अब जबकि खुद प्रदेश के डीजीपी आयोजन समिति के आठवें पायदान पर आते है। ऐसे में पद के दुरुपयोग की चर्चा आम बनी हुई है। यूपीसीए द्वारा लोढ़ा समिति की सिफारिशों का कई बार उल्लंघन किया जा चुका है। इसी के चलते राजीव शुक्ल को भी इसी साल यूपीसीए में निदेशक पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कानपुर से ही अपेक्स कमेटी के सदस्य संजय कपूर का नाम भी शामिल है। वह वर्तमान में शतरंज संघ के चेयरमैन हैं। संजय कपूर कानपुर क्रिकेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। इसी क्रम में अब यूपी के डीजीपी भी शामिल है।
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