उत्तर प्रदेश

अकीदतमंदों ने बकरीद का पर्व मनाने की तैयारी शुरू की

Admin Delhi 1
22 Jun 2023 9:16 AM GMT
अकीदतमंदों ने बकरीद का पर्व मनाने की तैयारी शुरू की
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गोपालगंज न्यूज़: चांद के दृष्टिगोचर होने के अनुसार दस दिन बाद यानि 29 जून को ईदुल अजहा (बकरीद) का पर्व मनाया जाएगा. इस्लामी साल के आखरी महीने जिल्हिज्जाह की 10वीं तारीख को ईदुल अजहा (बकरीद) का पर्व मनाया जाता है. बकरीद को लेकर जिले के अकीदतमंदों ने तैयारी शुरू कर दी है. फिलहाल बकरीद के अवसर पर कुर्बानी देने के लिए बकरे की खरीदारी की जा रही है. हाट-बाजारों और गांवों में घूमकर अकीदतमंद बकरे की खरीदारी कर रहे हैं. शहर के इस्लामियां मोहल्ला निवासी इम्तेयाज अली भुट्टो बताते हैं कि इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान में बकरीद का उल्लेख है. ऐसी मान्यता है कि अल्लाह ने एक दिन हजरत इब्राहिम से सपने में उनकी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी मांगी. हजरत इब्राहिम अपने बेटे इस्माइल से बहुत प्यार करते थे, लिहाजा उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया. अल्लाह का हुक्म मानते हुए हजरत इब्राहिम ने जैसे ही अपने बेटे की गर्दन पर छुरी चलाई अल्लाह ने उसे बचाकर एक बकरे की कुर्बानी दिलवा दी. तभी से इस्लाम धर्म में बकरीद पर्व मनाने का प्रचलन शुरू हो गया. ईद-उल-अजहा यानी बकरीद हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में ही मनाया जाता है. हजरत इब्राहिम अल्लाह के हुकुम पर अपनी वफादारी दिखाने के लिए बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने को तैयार हुए थे.

हज को मान्यता देता है बकरीद का पर्व

बकरीद का पर्व इस्लाम के पांचवें सिद्धान्त हज को भी मान्यता देता है. बकरीद के दिन मुस्लिम बकरा, भेड़, ऊंट जैसे किसी जानवर की कुर्बानी देते हैं. बकरीद के दिन कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है. एक खुद के लिए, दूसरा सगे-संबंधियों और दोस्तों के लिए और तीसरा हिस्सागरीबों के बीच बांट दिया जाता है. इस पर्व पर इस्लाम धर्म के लोग साफ-पाक होकर नए कपड़े पहनकर ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं, नमाज पढ़ने के बाद कुर्बानी की प्रक्रिया शुरू होती है जो लगातार तीन दिनों तक चलती है. हज की पवित्र यात्रा भी इसी महीने में होती है.

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