उत्तर प्रदेश

श्रद्धालु गंगा में लगा रहे आस्था की डुबकी, मेले में बढ़ती जा रही श्रद्धालुओं की भीड़

Shantanu Roy
9 Nov 2022 11:22 AM GMT
श्रद्धालु गंगा में लगा रहे आस्था की डुबकी, मेले में बढ़ती जा रही श्रद्धालुओं की भीड़
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मोरना। उत्तर भारत की महाभारत कालीन धार्मिक तीर्थ नगरी में श्रद्धालु हर हर गंगे, जय गंगा मैया की गगनभेदी गर्जना के बीच मां गंगा में स्नान कर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। नगरी में चारों तरफ श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे हैं। लाखों श्रद्धालु पवित्र गंगा में स्नान कर मंदिरों की ओर बढ़ रहे हैं। धार्मिक स्थलों, धर्मशालाओं में भजन कीर्तन, प्रवचन का आयोजन हो रहा है। गुरूद्वारे में शब्द कीर्तन व पंजाबी धर्मशाला में गुरू नानक देव के प्रकाश पर्व की तैयारियां जारी है। तीर्थ नगरी में कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर भारी संख्या में लाखों श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। हर हर गंगे, जय गंगा मैया के गगनभेदी जयकारों से नगरी का वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय हो गया। प्राचीन शुकदेव आश्रम पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज ने श्रद्धालुओं को शुकतीर्थ की महिमा का बखान करते हुए कहा कि तीर्थ नगरी के जीर्णोद्धारक, तीन सदी के युग दृष्टा, ब्रह्मलीन, वीतराग व शिक्षा ऋषि पदम विभूषण 1008 स्वामी कल्याण देव महाराज ने देश की आजादी से भी पहले सन 1946 में कार्तिक पूर्णिमा मेले की शुरुआत की थी। गंगा जल में औषधीय गुण होते हैं, इसके आचमन मात्र से ही शरीर में अमृता व पवित्रता उत्पन्न हो जाती हैं। मेले भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। इसके आपसी सौहार्द वह भाई चारे की भावना बढ़ती है। प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर मेले का तभी से आयोजन किया जाता रहा है। मेले की सुचारू व्यवस्था व श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ की वजह से स्वामी कल्याण देव महाराज ने जिला पंचायत को इसके आयोजन का दायित्व सौंपा, तब से जिला पंचायत मेले का आयोजन करती आ रही है। गंगा घाट पर स्थित मां गंगा मंदिर में ढोलक की थाप पर थिरकते श्रद्धालु भजन कीर्तन में सराबोर डूबे हैं। शाम के समय हजारों श्रद्धालु मां गंगा की महाआरती में भाग लेकर पुण्यार्जन कर धार्मिक लाभ उठा रहे हैं।
एक ओर तम्बूओं का नजारा, तो दूसरी तरफ धार्मिक आयोजन में डूबे श्रद्धालु: मेले में चारों तरफ जिधर भी नजर गडाओं तम्बू ही तम्बू दिखाई देते हैं। ऐसा लग रहा है कि धार्मिक नगरी तंबू के नगर में तब्दील हो गई है, तो दूसरी तरफ जगह-जगह धार्मिक कार्यों का विशाल पैमाने पर आयोजन हो रहा है। भजन, कीर्तन, प्रवचन, सत्संग, ध्यान, योग साधना, भंडारे, सांस्कृतिक कार्यक्रमों से पूरी नगरी भक्तिमय हो उठी। अभी तक लगभग पांच लाख श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। घाट पर पुजारी श्रद्धालुओं को धार्मिक नगरी के महत्व व स्नान ध्यान आदि के बारे में गुणगान सुना रहे हैं। नगरी में चारों ओर भव्यता दिखाई दे रही है। ऐसा लगता है कि मानों स्वर्ग से देवता साक्षात रुप में धार्मिक नगरी में अवतरित हो गए हैं।
दीपदान करने से मिलती है मृत आत्माओं को शांति: कार्तिक गंगा मेले की महत्ता स्वयं में विशेष महत्व रखती है। मां पूर्णागिरि प्राचीन सिद्ध पीठ आश्रम पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी गोपालाचार्य महाराज ने बताया कि मुख्य मेले की पूर्व अर्धरात्रि पर मृत आत्माओं की तृप्ति के लिए परिजनों द्वारा दीपदान किया जाता है। इससे मृत आत्माओं को शांति मिलती है। वहीं देवता भी परलोक से आशीर्वाद देते हैं। मृतक के परिजनों द्वारा गंगा में स्नान करने के बाद गंगा जल का आचमन किया जाता है। इसके बाद धूप, दीप, फूल आदि को गंगा में प्रवाहित कर मृत आत्माओं की शांति की कामना की जाती है। बिना तृप्त के आत्मा को शांति प्राप्त नहीं होती। खेल खिलौने, मिठाइयों, श्रंगार सामान व चाट पकौड़ी की दुकानों पर बढ़ रही भीड़: मेले में लगे मीना बाजार में खेल खिलौने, मिठाइयों, श्रृंगार का सामान व चाट पकौड़ी की दुकानों पर भीड़ बढ़ रही है। श्रद्धालु छोटे-छोटे बच्चों के साथ मीना बाजार में दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीद रहे हैं। बच्चे चाट पकौड़ी, मिट्टी की गुल्लक, बांसुरी, प्लास्टिक बंदूक, रेलगाड़ी, हवाई जहाज, क्रिकेट बेट आदि खेल खिलौनों का सामान खरीद कर पूरा लुत्फ उठा रहे हैं। दिल्ली से आए दुकानदार रामगोपाल ने बताया कि इस वर्ष मेले में भीड़ अधिक होने के कारण उनका काफी सामान बिक रहा है, जिसके चलते अच्छी आमदनी होने की संभावना है। वहीं मुजफ्फरनगर से मेले में श्रृंगार के सामान की दुकान सजाने वाले हरवीर सिंह ने बताया कि महिलाएं बड़ी संख्या में श्रृंगार का सामान की खरीदारी करने में जुटी है। वहीं राजस्थान के श्रद्धालु विनय ने बताया कि वह हर बार कार्तिक पूर्णिमा मेले में जरूर आते हैं, इस बार मेले की छट अद्भुत, मनभावन व निराली है। मेले में बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, नवविवाहित युवक युवतियां सभी मेले का लुत्फ श्रद्धा भाव से उठा रहे।
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