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उत्तर प्रदेश
Ayodhya में कमरा बुक कराने के नाम श्रद्धालु हो रहे साइबर ठगी के शिकार
Sanjna Verma
29 Aug 2024 3:16 PM GMT
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Ayodhya अयोध्या: भगवान राम की नगरी में अयोध्या में हर रामभक्त का सपना होता है कि वह भगवान राम के भव्य मंदिर में राम लला का दर्शन करें। इसके लिए कुछ श्रद्धालु ऑनलाइन यानी गूगल का सहारा लेकर होटल बुक करते हैं। लेकिन कुछ भक्त साइबर ठगी का शिकार हो रहे है। ऐसा ही ताजा घटना पुणे निवासी अंजना के साथ घटी है। जिसमें वह मनोनुकूल व्यवस्थाएं पढ़ कर उन्होंने 30 हजार रुपये में ऑनलाइन कमरे रिजर्व कराए। इस प्रक्रिया तक गूगल पर उपलब्ध नंबर ने सही कार्य किया, लेकिन पेमेंट के बाद अंजना ने जब सत्यापन के लिए पुन: उसी नंबर पर फोन किया, तो वह बंद मिला। इसके बाद उनके पांवों तले से जमीन खिसक गई। पीड़ित ने इसकी शिकायत जानकी महल ट्रस्ट कार्यालय को पत्र भेज कर की है।
आठ माह में 400 लोग हो चुके हैं ठगी के शिकार
बताया जा रहा है कि यह केवल पहला केस नहीं इसके पहले जयपुर के अनिल सिंह सहित ऐसे कई श्रद्धालु Cyber fraud का शिकार हो चुके हैं, जिन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामनगरी आने के लिए ऑनलाइन कमरा बुक कराया था। जानकी महल ट्रस्ट के ट्रस्टी आदित्य सुलतानिया के अनुसार उनका ट्रस्ट कमरों के लिए ऑनलाइन बुकिंग नहीं करता है। फिर भी संस्था के नाम पर जनवरी से अब तक आठ माह में 400 लोग ठगे जा चुके हैं। इन सभी ने गूगल से सर्च कर कमरा बुक कराने के लिए ऑनलाइन भुगतान किया था।
जानकी महल ट्रस्ट, बिड़ला धर्मशाला के नाम पर हो रही ठगी
आप को बता दें कि जानकी महल ट्रस्ट, बिड़ला धर्मशाला दोना संस्थाएं ऑनलाइन कमरा नहीं बुक करती है। जिसके बाद भी इन्हीं दो संस्थाओं के नाम पर सर्वाधिक ठगी हो रही है। बिड़ला धर्मशाला के लेखाकार वेणु गोपाल के अनुसार प्रतिदिन सात-आठ लाग ऐसे आते हैं, जो ऑनलाइन कमरा बुक कराने के नाम पर ठगी का शिकार होते हैं। मजबूरी में उन्हें वापस करना होता है। साइबर ठगी की बढ़ती घटनाओं को लेकर महादेवी बिड़ला धर्मशाला चैरिटेबल ट्रस्ट ने गत फरवरी माह से अग्रिम बुकिंग भी बंद कर दी है। जरूरतमंद व्यक्ति कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर ही कक्ष प्राप्त कर सकते हैं।
शिकायत के बाद भी बढ़ रहीं घटनाएं
hotel booking के नाम पर श्रद्धालुओं के साथ ठगी के कई मामले पहले भी प्रकाश में आ चुके है। साइबर सेल में इसकी शिकायत भी भुक्तभोगियों ने पूरे प्रमाण के साथ की, लेकिन न ही अपराधी पकड़े गए और न ठगी की धनराशि ही वापस हुई। साइबर अपराधियों के इस दांव के आगे पुलिस की साइबर सेल भी धराशायी दिखाई पड़ती है। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार रामनगरी में ऑनलाइन होटल बुक कराने के अधिकांश मामले गैर प्रांतों के होते हैं। इसलिए संबंधित थाने पर ही प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए। कोतवाली अयोध्या में जनवरी से अब तक करीब 12 मुकदमे इसी तरह के दर्ज हो चुके हैं, जिनकी विवेचना चल रही है।
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Sanjna Verma
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