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डिप्टी रजिस्ट्रार ने गांधी आश्रम समिति के चुनाव को लेकर कई सदस्यों की सदस्यता खत्म करने का दिया आदेश
मेरठ न्यूज़: गांधी आश्रम समिति के चुनाव को लेकर डिप्टी रजिस्ट्रार ने एक चिट्ठी खादी और ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक मंडलीय कार्यालय को लिखी है, जिसमें लिखा है कि समिति की प्रबंध समिति में जो वर्तमान में सदस्य हैं, इन लोगों का गांधी आश्रम की संपत्ति को प्रस्तुत करने एवं वित्तीय अनियमितता का दोषी पाया गया है। ऐसे में यदि इन लोगों को समिति की नई प्रबंध समिति का चुनाव कराया जाता है तो समिति का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। प्रबंध समिति के पुनर्गठन से पूर्व दोषी व्यक्तियों की समिति की सामान्य सभा की सदस्यता समाप्त कर नई प्रबंध समिति का गठन किया जाना विधि अनुसार सही हैं। यह शिकायत महेश चंद्र पंत की द्वारा की गई थी, जिसको आधार बनाते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में स्पष्ट किया है कि जमीन के विवाद में जो लोग आरोपी हैं, उनकी सदस्यता खत्म की जाए। कहा गया है कि सामान्य सभा के सदस्य सूची में दर्ज करते हुए नई प्रबंध समिति के गठन की कार्रवाई की जाए। शिकायती पत्र की प्रति भी चिट्ठी के साथ संलग्न की गई है। डिप्टी रजिस्ट्रार के इस पत्र के बाद यह तय माना जा रहा है कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक विवादित लोगों की गांधी आश्रम समिति की सदस्यता से नाम आउट कर सकते हैं तथा उनकी सदस्यता जीवन के लिए खत्म की जा सकती है।
इस पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक विचार कर रहे हैं। अब देखना यह है कि इन लोगों की सदस्यता खत्म होती है या फिर नहीं। इस पर सभी की निगाहें लगी हुई है। दरअसल, प्रबंध समिति से सदस्यता को लेकर निर्वाचन संपन्न होने तक पंजीकृत नियमावली में दी गई व्यवस्था के अनुरूप आयोग के नियमों के अंतर्गत अपने स्तर से निर्णय लेने के लिए संस्था के लिए कहा गया है। दरअसल, गांधी आश्रम की करोड़ों की जमीन को लेकर विवाद खादी ग्राम उद्योग आयोग के निदेशक पर अब सबकी निगाहें टिक गई है कि क्या जमीन विवाद में लिप्त पृथ्वी सिंह रावत, रामनरेश सिंह, अरविंद श्रीवास्तव, संजीव कुमार सिंह, अशोक कुमार पांडे, मुखराम सिंह, विनोद चौहान की सदस्यता खत्म की जाती है या फिर नहीं। क्योंकि इन्हीं सदस्यों की समिति की संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने एवं वित्तीय अनियमितता का दोषी पाया गया है।
पृथ्वी सिंह समेत कई लोगों के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में भी रिपोर्ट दर्ज है। कई बार जमीन की नीलामी लीज डीड को लेकर बड़ा विवाद पैदा हो चुका है। ऐतिहासिक गांधी आश्रम की बिल्डिंग को भी क्षति पहुंचाई गयी। बीच में नीलामी करने का भी प्रयास किया गया। अब इसमें प्रशासन भी गांधी आश्रम की संपत्ति के विवाद को लेकर हस्तक्षेप कर रहा है। यही वजह है कि प्रशासन की सख्ती के चलते ये सम्पत्ति बिकने से बच गई।