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निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वाराणसी को 'टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस' घोषित की मांग निर्यातकों ने की है। 15 जीआई उत्पादों को अपने में समेटे वाराणसी को वैश्विक स्तर पर निर्यात का हब बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे पूर्वांचल निर्यातक संघ ने पिछले दिनों केंद्र सरकार और विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) को इसके लिए पत्र भी भेजा है।
मलदहिया स्थित विनायक प्लाजा में गुरुवार को पूर्वांचल निर्यातक संघ के अध्यक्ष अमिताभ ने बताया कि पिछले साल वाराणसी में 565 करोड़ से अधिक का निर्यात हुआ था। इसमें हथकरघा, हस्तशिल्प, कालीन और बनारसी सिल्क आदि का योगदान लगभग 150 करोड़ से अधिक का था।
डीजीएफटी को इस आशय से पत्र भेजकर वाराणसी को टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस घोषित करने की मांग की गई। बताया कि 750 करोड़ से अधिक निर्यात पर उस जिले को टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस का दर्जा मिल जाता है।
...तो होगा ये फायदा
उन्होंने बताया कि यह मांग स्वीकार हुई तो वाराणसी के निर्माताओं को आधुनिक मशीन खरीदने के लिए सरकार से वित्तीय सहायता मिलेगी। उन्हें बेहतर निर्यात इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों को आकर्षित करने के लिए दुनिया भर में मेले, प्रदर्शनी लगेंगे।
इससे यहां के निर्यातकों, निर्माताओं और व्यापारियों को व्यापारिक स्पर्धा क्षेत्र में समान संभावनाएं प्राप्त होंगी। जिससे वह अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में और अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। संस्था के सचिव अनिल अग्रवाल और कोषाध्यक्ष राज दुआ के अनुसार टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस घोषित होने से इस क्षेत्र के निर्यातकों, उद्यमियों, हस्तशिल्प, हथकरघा निर्माताओं, बुनकरों और कारीगरों को लाभ के साथ ही क्षेत्र का सर्वांगीण विकास, व्यापारिक संभावनाओं में वृद्धि होगी। इससे होटल, पर्यटन, कृषि, फूड उत्पाद और उन पर आधारित अनेक व्यापार व व्यापारिक संस्थान आगे बढ़ेंगे।
Kajal Dubey
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