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उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में पंजाबी भाषा को राज्य भाषा बनाए जाने की उठी मांग
Shantanu Roy
30 Aug 2022 6:26 PM GMT
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बड़ी खबर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंजाबी भाषा को राज्य भाषा बनाए जाने की मांग उठी। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बुधवार को पंजाबी इनसाइक्लोपीडिया के लेखक व पंजाबी भाषा के महान विद्वान कान्ह सिंह नाभा की 161 वी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में यह मांग उठाई। जयंती कार्यक्रम में पंजाबी साहित्यकारों को सम्मान भी किया गया। यूपी प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में लखनऊ के आस-पास के क्षेत्रों से पंजाबी लेखक ,कवियों, रंग कर्मियों ,संगीतकारों एवं पंजाबी भाषा के शिक्षण प्रशिक्षण में योगदान देने वाली विभूतियों को सम्मानित किया गया। कमेटी के अध्यक्ष श्री बग्गा ने इस अवसर पर पंजाबी समुदाय की जनसंख्या के आंकड़ों के आधार पर पंजाबी भाषा को उत्तर प्रदेश में उर्दू के समान राज्य भाषा बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया ।
प्रबंधक कमेटी के महासचिव एवं सदर गुरुद्वारा के अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने भाई कान सिंह नाभा को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ ही पंजाबी भाषा के प्रचार एवम प्रसार के लिए गठित की गई उत्तरप्रदेश पंजाबी अकादमी के उपाध्यक्ष का दायित्व किसी सुयोग्य हाथो में दिया जाए, जिन्हें पंजाबी भाषा व संस्कृति के प्रचार प्रसार का अनुभव हो। अकादमी में पंजाबी साहित्कारों एवम लेखकों को वरीयता दी जाए । उन्होंने कहा कि प्रदेश के विश्व विद्यालयों में पंजाबी पाठ्यक्रम को लागू किया जाए। ,इसके अलावा उत्तरप्रदेश सरकार के अंतर्गत संचालित माध्यमिक विद्यालय जहां पर पंजाबी शिक्षकों के पद रिक्त है उसे शीघ्र भरा जाए,। पंजाबी साहित्य से जुड़े लेखकों, कवियों को राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जाए एवं उनको भाषा व संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनके सहयोग के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाए
लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रवक्ता सतपाल सिंह ने बताया कि आगरा स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु का ताल, जहां पर साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी को 1675 में मानव अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज़ उठाने पर गिरफ्तार किया था और कुछ समय आगरा में ही उसी स्थान पर कैद कर रखा गया था, यह स्थान राष्टीय धरोहर है, इस स्थान पर सिक्ख इतिहास एवम पंजाबी संस्कृति से सम्बंधित संग्रहालय खोला जाए। उल्लेखनीय है इस स्थान से ही श्री गुरुतेगबहादुर साहिब जी को दिल्ली ले जा कर चादनी चौक पर शहीद किया गया था। इस कड़ी में उत्तरप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भी सौपा जाएगा। समारोह में इंजीनियर नरिंदर सिंह मोंगा, सत्येन्द्रपाल् सिंह, दविंदर पाल सिंह बग्गा, दविंदर सिंह, मनमोहन सिंह मोनी, डॉ मेजर मनमीत कौर, रंगमंच से आत्म जीत सिंह, मनमोहन सिंह तन्हा, लेखक,जगदीश कौर, डॉ दलबीर सिंह, रजिंदर सिंह नीता, सहित अन्य का सम्मान किया गया।
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