उत्तर प्रदेश

आग की सूचना देरी से देने पर 85 फीसदी मामलों में बढ़ा खतरा

Admin Delhi 1
8 Jun 2023 7:01 AM GMT
आग की सूचना देरी से देने पर 85 फीसदी मामलों में बढ़ा खतरा
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गाजियाबाद न्यूज़: आग लगने की घटना के बाद शुरुआती पांच मिनट में दमकल को सूचना मिलने पर 15 फीसदी मामलों में आग पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है. यानि 85 फीसदी मामलों में आग बढ़ने का खतरा सूचना मिलने में देरी की वजह से हुआ. जनपद के अग्निशमन विभाग को इस वर्ष अब तक मिली 360 सूचनाओं पर हुई कार्रवाई के अध्ययन के बाद यह तथ्य सामने आया है. इसे देखते हुए अग्निशमन विभाग रिस्पांस टाइम घटाने का प्रयास कर रहा है.

मौजूदा समय में शहर के अंदर दमकल का रिस्पांस टाइम आठ मिनट है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह समय 15-20 मिनट है. विभाग के अधिकारियों ने जनपद में इस वर्ष मिली आग की सूचना और कार्रवाई का अध्ययन किया. दमकल अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ कंट्रोल रूम तक सूचना पहुंचने के बाद स्थानीय स्तर तक सूचना मिलने में समय लगता है. इसलिए स्थानीय दमकल केंद्रों के नंबर लोगों को मुहैया कराने के लिए अभियान चलाकर जागरूक किया जा राहा है. लोगों को बताया जा रहा है कि आग को बढ़ने का इंतजार न करें, जैसे ही आग लगे दमकल को तत्काल सूचना दें, जिससे समय रहते काबू पाया जा सके.

रिस्पांस टाइम घटाने के लिए दमकल वाहनों को ऐसे स्थानों पर लगाया गया है, जहां पहले नहीं लगाया जाता था. इस वर्ष एक मार्च से एक वाहन मुरादनगर, एक वाहन क्रासिंग रिपब्लिक और एक वाहन इंदिरापुरम में काला पत्थर रोड पर लगाया गया है.

मुख्य अग्निशमन अधिकारी का कहना है कि पूर्व में आग की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहले एक वाहन को भेजा जाता था, लेकिन अब दो वाहन रवाना किए जाते हैं. जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त वाहनों को स्थिति देखने के बाद बुलाया भी जा रहा है. इससे आग पर प्रभावी अंकुश लग रहा है.

वर्षवार आग लगने की घटनाएं:

वर्ष अग्निकांड नुकसान

2023 360

2022 1103 —

2021 931 —

2020 910 —

2019 1000 —

2018 1264 28.76 करोड़ रुपये

2017 1071 32.37 करोड़ रुपये

2016 907 51.49 करोड़ रुपये

2015 784 34.08 करोड़ रुपये

2014 873 45.64 करोड़ रुपये

(2023 के आंकड़े 30 अप्रैल तक, 2019 से आग से नुकसान का आकलन बंद कर दिया गया है.)

72 मीटर का हाइड्रोलिक प्लेटफार्म चाहिए: गाजियाबाद जिले में बहुमंजिला इमारतों की भरमार है, लेकिन बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. मौजूदा समय में जनपद में 45 मीटर का हाइड्रोलिक प्लेटफार्म है, जिससे 15 मंजिला इमारत की आग बुझाई जा सकती है. हालांकि जनपद में इससे ज्यादा ऊंची भी कई इमारतें हैं, इसलिए 72 मीटर ऊंचे हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की जरूरत है. इससे करीब 25 मंजिल तक लगी आग पर काबू पाया जा सकेगा.

दमकल के रिस्पांस टाइम को कम करने का प्रयास किया जा रहा है. आग लगने के पांच मिनट में सूचना मिलने पर दमकल ने 15 फीसदी मामलों में आग पर जल्दी और प्रभावी अंकुश लगाया.

-राहुल पाल, मुख्य अग्निशमन अधिकारी

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