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डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर: 75 प्रतिशत काम पूरा, दिसंबर से 130 की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन
मेरठ न्यूज़: दिसंबर में मालगाड़ी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर फर्राटा भरेगी। इसकी तैयारी जांचने के लिए बुधवार को ट्रायल किया गया। ट्रैक पर ट्रेन दौड़ी तो हर किसी के चेहरे खिल गए। ये ट्रायल सफल रहा। विद्युतीकरण का काम अधूरा हैं, जिसे रात-दिन पूरा किया जा रहा हैं। ये शहर ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी यूपी के लिए अच्छी खबर हैं कि डेडिटकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया हैं।
अब उस पर ट्रेन के ट्रायल आरंभ हो गए हैं। जो थोड़ी कमी है, उसे दूर किया जा रहा हैं। विद्युतीकरण भी दिसंबर से पहले फाइनल कर दिया जाएगा। ये बड़ा तोहफा हैं। क्योंकि पंजाब के साहनेवाल से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के दानकुनी 1400 किमी का डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। रेलवे ने नई डेडलाइन के तहत 30 दिसंबर तक इस प्रोजेक्ट को हर हाल में शुरू करने की तैयारी की है।
प्रोजेक्ट शुरू होने पर बिजली लाइन से मालगाड़ी अलग हो जाएगी व 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी। वर्तमान में एक ही रूट पर मालगाड़ी व मेल-एक्सप्रेस ट्रेन दौड़ रही हैं। यूपी, बिहार, पंजाब, दिल्ली, मुंबई, बंगाल आदि स्थानों पर आने-जाने वाला माल भी समय पर पहुंचाया जा सकेगा। इसके लिए पंजाब में खन्ना, सरहिंद और मंडी गोबिंदगढ़ में गुड्स साइडिंग भी तैयार किए जा रहे हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जून 2022 में चालू किया जाना था, मगर कोविड-19 के चलते लेबर की कमी रही और काम रुक गया था। अब काम ने स्पीड पकड़ी है। दिसंबर तक पश्चिमी यूपी में भी काम पूरा हो जाएगा। साहनेवाल और सरहिंद के बीच आठ पुल, 46 अंडरपास तैयार हो रहे हैं। उसमें भी थोड़ा विलंब बताया गया है। 20 किमी मिट्टी का काम अभी वहां पर बाकी है।
पहले 10 से 15 चलेगी, बाद में बढ़ेगी संख्या: कॉरिडोर तैयार होने के बाद शुरुआत में ट्रैक पर 10 से 15 मालगाड़ी रोज दौड़ाई जाएंगी, मगर बाद में धीरे-धीरे मालगाड़ियों की संख्या कॉरिडोर पर बढ़ाई जाएगी। 70 से 80 मालगाड़ी इस कॉरिडोर पर दौड़ सकेंगी।
क्या है डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर?
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का मतलब ऐसी रेल लाइन से है, जिसका इस्तेमाल सिर्फ मालगाड़ियों के आवागमन के लिए होगा। देश में ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इनका इस्तेमाल सिर्फ मालगाड़ियों के लिए होगा। मालगाड़ियों का संचालन सुधरेगा। बिजी ट्रैक पर मालगाड़ी को निकलने के लिए अब डीएफसीसीआईएल और इंडियन रेलवे की कनेक्टविटी से संचालन में सुधार होगा। जहां पर डीएफसीसीआईएल यानी फ्रेट कॉरिडोर खत्म होगा। ट्रेन रेलवे के ट्रैक पर चलेगी। इंडियन रेलवे व डीएफसीसीआईएल के गुड्स साइट अलग होंगे। कई स्टेशनों पर ये नॉर्दर्न रेलवे से कनेक्ट कर दिए गए हैं।