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उत्तर प्रदेश
नगर निकाय चुनाव पर फैसला एक दिन और टला, कल भी जारी रहेगी सुनवाई
Shantanu Roy
20 Dec 2022 11:45 AM GMT
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बड़ी खबर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव पर सुनवाई एक दिन और टल गई है,इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में कल भी सुनवाई जारी रहेगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर आरक्षण पर 48 से ज्यादा आपत्तियां दर्ज कराई गई थी इन आपत्तियों में आरक्षण को लेकर कई जिलों में शिकायतें मिली थी जिसके बाद हाईकोर्ट ने पहले 12 दिसंबर को सुनवाई की फिर 13 को सुनवाई की और 13 को आज 20 दिसंबर तक का समय निर्धारित कर दिया था, इस बीच में प्रदेश शासन से जवाब मांगा गया था। सरकारी वकील ने कहा कि पीआईएल चुनाव टालने के लिए दायर किया गया है जबकि पीआईएल दायर करने वालों ने भी कहा कि चुनाव जल्द होने चाहिए। इसी बीच जज ने कहा कि पीआईएल सही तरीके से दायर नहीं की गयी है। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में तर्क दिया है कि इस चुनाव का आरक्षण 2017 में हुए चुनाव के आरक्षण की पद्धति के आधार पर ही किया गया है,
सूबे के नगरीय निकायों का कार्यकाल 12 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच समाप्त हो रहा है. इस बार 760 नगरीय निकायों में चुनाव होना है। जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव और जस्टिस देवेन्द्र उपाध्याय की बेंच ने 12 दिसंबर को अधिसूचना जारी करने पर अंतरिम रोक लगा दी थी. यह रोक आज यानी 20 फदिसंबर तक प्रभावी थी. कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनावों में पहले से ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट फार्मूला अपनाने की बात कही है, लेकिन सरकार ने इसकी अनदेखी करते हुए रैपिड टेस्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण तय कर दिया जोकि उच्चतम न्यायालय (SC) के आदेश के विरुद्ध है। उत्तर प्रदेश की 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 545 नगर पंचायतों का आरक्षण 5 दिसंबर को जारी किया गया था. निकाय के वार्ड का आरक्षण पहले ही जारी हो चुका है. यूपी की 762 निकाय में पिछड़े वर्ग के आरक्षण को लेकर याचिका दायर की गई थी . 545 नगर पंचायत के आरक्षण में 182 महिलाओं को, 26 एससी महिला, 48 एससी, 49 अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, 97 अन्य पिछड़ा वर्ग, 107 महिला, और 217 अनारक्षित हैं. पिछली बार बरेली की 20 में से 12 निकाय ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षित थी, लेकिन नए आरक्षण में एक भी निकाय ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं है. इसीलिए बरेली से यह मामला कोर्ट में गया था।
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