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उत्तर प्रदेश
बांदा नाव हादसे में मृतकों की संख्या 11 , सर्च ऑपरेशन जारी
Ritisha Jaiswal
13 Aug 2022 9:38 AM GMT
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उत्तर प्रदेश के बांदा में हुए दर्दनाक नाव हादसे में मरने वालों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है
उत्तर प्रदेश के बांदा में हुए दर्दनाक नाव हादसे में मरने वालों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है और मृतकों का यह आंकड़ा 11 पहुंच गया है. बांदा नाव हादसे में लापता 17 लोगों में से आज यानी शनिवार को 8 लोगों के शव बरामद किए गए, जिनमें 5 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं. हालांकि, अन्य लापता लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है. माना जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. बता दें कि गुरुवार को दोपहर 33 सवारियों से भरी नाव अचानक यमुना नदी में समा गई थी, जिसके बाद पूरे इलाके में हाहाकार मच गया.
पिछले 40 घंटे से अधिक समय से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है. बांदा नाव हादसे में लापता लोगों के शव फतेहपुर में भी मिले हैं. फतेहपुर के डीएम ने कहा कि किशनपुर घाट से 2, नरौली घाट से 4, गुरुवल घाट से 1, एकडला घाट से 1 शव बरामद हुए हैं. कुल मिलाकर अब तक बांदा नाव हादसे में 11 शव बरामद हो चुके हैं. आज आठ शव बरामद हुए और तीन शव एक दिन पहले बरामद हुए थे. फिलहाल, लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे में मारे गए लोगों के घरवालों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है.
दरअसल, बांदा जिले के मरका थाना क्षेत्र में गुरुवार को यमुना नदी में नाव डूब गई थी. इस हादसे में 13 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया था और 17 लोग लापता थे, मगर उनमें से आज 8 लोगों के शव मिल गए. अब भी जो लापता हैं, उनका पता लगाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान लगातार प्रयास कर रहे हैं. दुर्घटना के बाद बचाव कार्य में मदद के लिए प्रयागराज से गोताखोरों को भी बुलाया गया है
इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार में मंत्री राकेश सचान और रामकेश निषाद को मौके पर पहुंचने का शुक्रवार को निर्देश दिया. सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को आपदा राहत कोष से चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का भी निर्देश जारी किया है. वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि वे लंबे समय से मरका घाट पर पुल की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि औगासी का पुल बन चुका है, लेकिन मरका का पुल बजट की कमी की वजह से अभी तक 70 फीसदी तक ही बन सका है. ग्रामीणों ने कहा कि अगर पुल समय से बन जाता, तो लोगों की जान बच जाती.
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Ritisha Jaiswal
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