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उत्तर प्रदेश
दुष्कर्म के बाद बालिका की हत्या के दोषी को फांसी की सजा
Tara Tandi
26 July 2023 8:02 AM GMT
उत्तर प्रदेश के मथुरा में जमुनापार थाना क्षेत्र के एक गांव में तीन साल पहले बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को फांसी की सजा सुनाई। एडीजे विशेष पॉक्सो रामकिशोर-3 की अदालत ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। दोषी पर 1.30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा होते ही पुलिस दोषी को जेल ले गई। सजा सुनते ही दोषी अदालत में ही रो पड़ा। वहीं, इसी मुकदमे में आरोपी की बहन को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया।
अभियोजन पक्ष की अधिवक्ता एडीजीसी अलका उपमन्यु ने बताया कि थाना जमुनापार क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले व्यक्ति ने 31 अगस्त 2020 की रात तहरीर देकर बनवारी पुत्र करन सिंह निवासी डहरूआ, जमुनापार और उसकी बहन नीलम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि उसकी नौ साल की बेटी गांव में ही दुकान पर सामान लेने गई थी। उसके साथ नौ साल की एक और बच्ची भी थी। देर रात तक बच्ची घर नहीं लौटी तो उसकी तलाश शुरू की गई।
इस दौरान पता चला कि बनवारी नाम का व्यक्ति बच्ची को अपनी साथ ले गया। बनवारी की बहन नीलम से फोन पर बात हुई तो उसने बताया कि वह अपनी भांजी के साथ उसके घर आया है। नीलम को कहा कि वह उसे रोके रखे। मगर, नीलम के घर पहुंचे तो उसने बनवारी को भगा दिया। इसी बीच उसकी बेटी का शव मावली गांव में बाजरे के खेत में मिला। जांच में हत्या से पूर्व बच्ची से दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
एडीजीसी के अनुसार अदालत ने साक्ष्यों और बयानों के आधार पर बनवारी को अपहरण, दुष्कर्म, हत्या का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई। वहीं, नीलम को साक्ष्यों के अभाव में बरी किया गया है। जुर्माना राशि में से 80 फीसदी मृतका के माता-पिता को अदा किए जाने के आदेश दिए हैं।
दोषी की सगी भांजी के बयान बने सजा के आधार
एडीजे विशेष पॉक्सो रामकिशोर-3 की अदालत से दुष्कर्म, हत्या के दोषी को फांसी की सजा दिलाने में उसकी 12 साल की सगी भांजी के बयान अहम रहे। वारदात के समय भांजी महज नौ साल की थी। अदालत में उसने बेबाक तरीके से पूरी घटना को बयां किया और अपनी सहेली को इंसाफ दिलाया।
31 अगस्त 2020 यानी वारदात वाली रात नौ साल की बच्ची पड़ोस में रहने वाली अपनी सहेली के साथ परचून की दुकान पर सामान लेने गई थी। वहीं उसे सहेली का मामा बनवारी मिला। पीड़िता की सहेली ने कोर्ट को बताया कि मामा दुकान पर आया। उसे व सहेली को कोल्ड ड्रिंक पिलाने के बहाने बाइक पर बैठाकर ले गया। एक खेत में ले जाकर बाइक रोकी और दोनों को कोल्ड ड्रिंक पिलाई।
इसके बाद उसके सामने ही सहेली के साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान सहेली और वह भी चिल्लाई। कुछ देर बाद मामा बनवारी ने सहेली की गला घोंटकर हत्या कर दी। इस घटना के बारे में किसी को कुछ न बताने के लिए उसे डराया। बच्ची के इन बयानों को अदालत ने अहम माना। इसके अलावा मृतका के स्लाइड सैंपल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, डीएनए परीक्षण हुए।
पुलिस ने अपनी कड़ी विवेचना में इन साक्ष्यों को शामिल किया, जिससे की अभियोजन अधिवक्ता को अदालत में वारदात साबित करने में मदद मिली। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में अदालत में 11 लोगों की गवाही कराई गई, जिनमें मुकदमा वादी बच्ची का पिता, उसकी सहेली सहित दो अन्य गवाहों, डॉक्टर, विवेचक, मुकदमा लेखक आदि की गवाही कराई।
बनवारी के अपराध के अध्याय का हुआ अंत
बनवारी कुख्यात अपराधियों की श्रेणी में पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है। उसके खिलाफ पहला मुकदमा 22 साल पहले 2001 में दुष्कर्म का थाना जमुनापार में दर्ज हुआ था। इसके बाद इसी थाना पुलिस ने उसके खिलाफ मिनी गुंडा की कार्रवाई की। जमुनापार पुलिस ने ही 2007 में इसे गुंडा एक्ट में पाबंद कर दिया। इसी थाने में 2011 में बनवारी के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ।
2013 में जमुनापार थाने में एक नाबालिग के अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ। 2020 में कोसीकलां थाने में उसके खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज हुआ। इसी मुकदमे में गिरफ्तारी के समय उससे अवैध असलहा बरामद हुआ, जिसके आधार पर एक और मुकदमा आर्म्स एक्ट में दर्ज किया गया।

Tara Tandi
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