उत्तर प्रदेश

संदिग्ध हालात में प्रॉपर्टी डीलर की मौत, फिर विवादों में करौली आश्रम

Admin Delhi 1
2 May 2023 6:33 AM GMT
संदिग्ध हालात में प्रॉपर्टी डीलर की मौत, फिर विवादों में करौली आश्रम
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कानपूर: यूपी के कानपुर स्थित करौली आश्रम फिर से विवादों में घिरता दिख रहा है। एक दिन पहले अवैध रेलवे टिकट सेंटर का मामला पकड़े जाने के बाद अब बिधनू स्थित करौली सरकार उर्फ डॉ. संतोष भदौरिया के लवकुश आश्रम में नोएडा निवासी एक बुजुर्ग भक्त की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। सूचना मिलते ही परिवार के लोग ग्रेटर नोएडा से कानपुर आए। मीडिया से उन्होंने बताया कि शाम को फोन पर बात हुई थी, तब तो सब कुछ ठीक था। अचानक कैसे हो गया। हमें मौत पर संदेह है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर इसकी जांच कराएंगे। परिजनों की मांग पर पुलिस ने मौत का कारण पता करने के लिए शव का डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम करवाया। पुलिस ने परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। करौली आश्रम से मामला जुड़ा होने के कारण इसे सबसे छुपाया जा रहा था, कल देर रात परिजनों के मीडिया से बात करने के बाद मामले का खुलासा हुआ।

चार दिन पूर्व आए थे आश्रम

जानकारी के मुताबिक करौली गांव स्थित संतोष सिंह भदौरिया के करौली सरकार आश्रम में ग्रेटर नोएडा एनएसजी अपार्टमेंट निवासी प्रॉपर्टी डीलर देवेंद्र सिंह भाटी (56) आए हुए थे। एसीपी घाटमपुर दिनेश शुक्ला ने बताया कि देवेंद्र सिंह भाटी करीब चार दिन पहले लवकुश आश्रम आए थे। पैनल से शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। रिपोर्ट और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई कि जाएगी। कलक्टरगंज निवासी आश्रम के सेवादार गोपाल गुप्ता ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि देवेंद्र सिंह आश्रम के अंदर बने भवन की दूसरी मंजिल पर स्थित कमरे में रुके हुए थे। रविवार सुबह 7.30 बजे घूमकर लौटे और अपने कमरे में चले गए। इसके बाद से उन्हें नहीं देखा गया। इसके बाद रात नौ बजे तक उनके बाहर न निकलने पर सेवादारों ने दरवाजा खटखटाया। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस पर मोबाइल से वीडियो बनाते हुए कटर की मदद से दरवाजा काटा गया तो देवेंद्र सिंह का शव जमीन पर पड़े गद्दे पर औंधे मुंह पड़ा हुआ था। इस पर नोएडा में रहने वाले उनके परिजनों को सूचना दी गई।

अंदर से बंद था कमरा

आश्रम के मीडिया प्रभारी अजय यादव ने बताया कि देवेंद्र भाटी अक्सर आश्रम में रुककर योग करते थे। सुबह देवेंद्र भाटी टहल कर वापस अपने कमरे में पहुंचे और कमरे को अंदर से बंद कर लिया। जब वह काफी देर तक बाहर नहीं आए तो बाबा के सेवादारों ने कमरे का दरवाजा खटखटाया। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सेवादारों ने कमरे के रोशन दान से झांक कर देखा तो वह बेड पर औंधे मुंह पड़े हुए थे। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रॉपर्टी डीलर के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। वहीं फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया। फिलहाल फोरेंसिक टीम को कमरे से कोई अहम सुराग नहीं मिला है।

परिजनों ने जताया संदेह

परिजनों के मुताबिक, देवेंद्र भाटी पूरी तरह से स्वस्थ्य थे। सब कुछ ठीक था। शाम को फोन पर बातचीत के दौरान भी उन्होंने किसी भी तरह की परेशानी का जिक्र नहीं किया था। इसके चलते उनकी मौत पर संदेह हो रहा है। परिजनों की मांग पर ही वीडियोग्राफी के साथ ही तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। परिजनों ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद ही कोई एक्शन लिया जाएगा।

पैनल से कराया पोस्टमार्टम

परिजनों की मांग पर और करौली आश्रम से जुड़ा मामला होने की वजह से पैनल और वीडियोग्राफी से सोमवार शव का देर शाम पोस्टमार्टम कराया गया। जिलाधिकारी विशाख जी के आदेश पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आलोक रंजन ने उर्सला के डा. वी.के. एस कटियार व डा. प्रवीन सक्सेना का पैनल बनाया। पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई। मृतक के हार्ट के दोनों चैंबर खून से भरे हुए थे, जिसके आधार पर हृदयाघात माना जा रहा है। पेट में 100 मिलीलीटर पचा हुआ खाना मिला है, क्योंकि शाम को देवेन्द्र ने खाना ही नहीं खाया था। हालांकि संशय की गुंजाइश न रहे इसके लिये बिसरा सुरक्षित रखते हुए हृदय को सरंक्षित कर जांच के लिये विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जायेगा।

मीडिया के आश्रम में घुसने पर पाबंदी

प्रॉपर्टी डीलर की मौत के बाद बाबा संतोष सिंह भदौरिया की ओर से आश्रम में मीडियाकर्मी की एंट्री पर फिर से बैन लगा दिया गया। किसी भी कर्मचारी से भी बात नहीं करने दी जा रही है। पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे आश्रम के मीडिया कोऑर्डिनेटर बृजेंद्र सिंह ने भी टालने के अंदाज में कहा कि वह अपने किसी नजदीकी के अंतिम संस्कार में आए थे, तो यहां भी आ गए हैं। आश्रम के सेवादार पोस्टमॉर्टम हाउस के आसपास तैनात रहे, लेकिन जैसे ही मीडियाकर्मियों ने उनसे बात करने की कोशिश की तो आश्रम के सभी कर्मचारी और सेवादार वहां से चुपचाप भाग निकले।

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