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सेंट्रल जेल में सात हत्याओं के मामले में सजायाफ्ता कैदी की हुई मौत
बरेली न्यूज़: सात हत्याओं के मामले में सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी की बीमारी से मौत हो गई. पैनल के जरिये उसके शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजन को सौंप दिया गया है. लखीमपुर खीरी में थाना मितौली के गांव बजरखा निवासी श्याम मनोहर (78) सात हत्याओं के मामले में करीब 32 साल से जेल में बंद था. श्याम मनोहर के बेटे संतराम ने बताया कि वर्ष 1990 में उसके चाचा चंद्रिका की हत्या करके आरोपियों ने उनका सिर घर में लाकर फेंका था. शव के साथ भी अमानवीयता की गई थी. इसका बदला लेने के लिए उनके परिवार के लोगों ने दूसरे पक्ष के सात लोगों की हत्या कर दी थी.
इस मामले में उनके पिता श्याम मनोहर समेत 16 लोगों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी और इस समय सभी जेल में बंद हैं. उनके पिता सेंट्रल जेल बरेली में थे. दोपहर जेल में उनकी तबियत बिगड़ी तो उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां रात में उनकी मौत हो गई.
राष्ट्रपति ने दी थी सजा में राहत सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक आरएन पांडेय ने बताया कि श्याम मनोहर को 19 सितंबर 1995 को लखीमपुर खीरी जिला न्यायालय से फांसी की सजा सुनाई गई थी. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से उसकी सजा को यथावत रखा गया था. लेकिन राष्ट्रपति ने उसकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में परिवर्तित कर दिया था. जिसके बाद 26 जनवरी 2002 को उसे सेंट्रल बरेली जेल भेजा गया था. वह काफी समय से बीमार चल रहा था और जेल के अस्पताल में भी इलाज हो चुका था. बेहतर उपचार के लिए उसे जिला अस्पताल भेजा गया था, जहां मौत हो गई.
निर्धारित प्रक्रिया के तहत डॉक्टरों का पैनल गठित कर श्याम मनोहर का पोस्टमार्टम किया गया. इस दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई और फिर शव परिजन को सौंप दिया गया.