उत्तर प्रदेश

नहर में मिले सगे भाइयों का शव

Kajal Dubey
11 Aug 2022 8:17 AM GMT
नहर में मिले सगे भाइयों का शव
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इसरौली/ सतरिख (बाराबंकी)। दो दिन पहले मामा के साथ निकले दो सगे भाईयों के शव बुधवार को सतरिख थाना क्षेत्र में नहर से बरामद हुए। बच्चों के पिता ने मामा पर ही एक दिप पहले अपहरण का केस दर्ज कराया था। बच्चों के साथ क्या अनहोनी हुई। मामा की भूमिका क्या है इसकी जांच की जा रही है। प्रथमदृष्टया हत्या कर शव फेंके जाने का मामला लग रहा है।
फतेहपुर कोतवाली क्षेत्र के बसारा गांव निवासी राम किशोर के अनुसार, देवा थाना क्षेत्र के खेवली गांव निवासी उनका साला महेंद्र पिछले करीब ढ़ाई माह से उसी के यहां रह रहा था। यहां रहकर वह उसके बेटे कृष्णा (7) और दिव्यांश( 5) को प्रतिदिन स्कूल लाने व ले जाने का काम के साथ घर के अन्य काम में हाथ बंटाता था।
सोमवार की शाम करीब पांच बजे महेंद्र अपने भांजे कृष्णा व दिव्यांश को चौराहे पर समोसा खिलाने की बात कहकर बाइक से लेकर निकला था। देर रात तक वापस नहीं लौटा परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई। महेंद्र का मोबाइल भी बंद मिला। इस पर बच्चों की तलाश शुरू हुई। रिश्तेदार व दोस्तों ने आस-पास के गांव व रिश्तेदारों तक पता किया। मगर, कोई सुराग नहीं लगा।
मंगलवार को पिता रामकिशोर गौतम ने अपने साले पर ही बच्चों के अपहरण का केस दर्ज करा दिया। पुलिस बच्चों की तलाश कर रही थी। बुधवार को सतरिख थाना क्षेत्र के पाण्डेयपुरवा गांव के पास नहर में कृष्णा का शव तो दो घंटे बाद इसी नहर में डेढ़ किलोमीटर दूर भगवानपुर के समीप दिव्यांश के शव बरामद हो गया।
आननफानन पहुंचे थाना प्रभारी संतोष कुमार ने दोनों शव को बाहर निकाला तो उनकी शिनाख्त करौंदी निवासी संदीप गौतम ने की। दो पुत्रों की मौत से रामकिशोर के परिवार में कोहराम मच गया। मौके पर एसपी अनुराग वत्स व सीओ नवीन सिंह ने पहुंचकर जांच की। मामा महेंद्र का अभी पता नहीं चला है। एसपी अनुराग वत्स ने बताया कि आरोप है बच्चों का मामा उनको लेकर निकला था। जिस पर अहपरण का आरोप है। उसकी तलाश की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही मौत का कारण स्पष्ट होगा।
आखिर किस अनहोनी के शिकार हुए मासूम
मासूम की मौत के बाद रामकिशोर के घर के चिराग बुझ गए। रामकिशोर की चार संतानों में दो बेटे कृष्णा व दिव्यांश तथा बेटी अशिंका व मानसी थी। दोनों बेटों की मौत के बाद माता-पिता का रो-रो कर बेहाल है। महेंद्र इन बच्चों का इकलौता मामा था। ढाई माह से घर पर ही रहने के कारण बच्चे उनसे पूरी तरह घुल-मिल गए थे। सबकी जुबान पर यही सवाल है कि आखिर हुआ क्या। क्या मामा ने ही एक बड़ा अपराध कर डाला या वह भी किसी अनहोनी का शिकार हो गया।
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