उत्तर प्रदेश

रेलवे ट्रैक पर मिले 2 बच्चों के शव, फैली सनसनी

Shantanu Roy
1 Nov 2022 1:07 PM GMT
रेलवे ट्रैक पर मिले 2 बच्चों के शव, फैली सनसनी
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बड़ी खबर
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में रेलवे ट्रैक के किनारे दो बच्चों के शव मिले हैं। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि बच्चे सतरिख क्षेत्र के संदौली गांव के पास खेल रहे थे, तभी वे ट्रेन की चपेट में आ गए। 10 वर्षीय हरिकेश और 9 वर्षीय आयुष सोमवार शाम को रेलवे ट्रैक के पास मृत पाए गए। सतरिख थाने के निरीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। कुमार ने कहा कि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि कौन सी ट्रेन बच्चों को लगी। सतरिख थाना क्षेत्र के संदौली गांव में सोमवार सुबह दो बच्चों के शव रेल पटरी के किनारे पड़े मिले। घटना के बाद वहां ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रथमदृष्टया जांच में पाया कि बच्चे ट्रेन की चपेट में आ गए होंगे। इनमें एक बच्चा लखनऊ का है जो रिश्तेदारी में संदौली गांव आया था।
जबकि दूसरा अपने माता-पिता की इकलौता पुत्र था। सतरिख थाना क्षेत्र का संदौली गांव बाराबंकी से लखनऊ जाने वाले रेलमार्ग के किनारे बसा है। पुलिस के अनुसार, लखनऊ के गोमतीनगर थाना क्षेत्र के डिगडिगा निवासी रंजीत कुुमार का पुत्र हरिकेश (10) संदौली गांव में अपने नाना बुधराम के यहां अपनी मां सुमन के साथ भैयादूज के मौके पर आया था। तब से वह यहीं था। सोमवार सुबह करीब आठ बजे वह पड़ोस में रहने वाले मुन्ना यादव के पुत्र आयुष (9) के साथ खेलते हुए खेतों की ओर निकल गया। करीब साढ़े नौ बजे गांव के पास से गुजरी रेल पटरी के किनारे दोनों के शव ग्रामीणों ने देखे। घटना की सूचना मिलते ही बच्चों के परिवार में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंची सतरिख पुलिस ने ग्रामीणों व परिजनों के बयान लेने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया। सतरिख के थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि प्रथमदृष्टया बच्चे ट्रेन की चपेट में आ गए। आशंका व्यक्त की जा रही है कि एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आए होंगे। मामले की जांच की जा रही है।
जिगर के टुकड़े का हश्र देख बेहोश हो गई मां
संदौली गांव में सोमवार को पूरे दिन मातम का माहौल देखने को मिला। मुन्ना यादव एक मामले में पिछले कई दिनों से जेल में बंद है। उसकी पत्नी राधा ही मेहनत मजदूरी करके किसी तरह से पुत्र व दो पुत्रियों का भरण पोषण करती थी। इकलौते बेटे आयुष का शव देखते ही राधा गश खाकर गिर पड़ी। बहनों के आंसू भी बंद होने का नाम नहीं ले रहे थे। यहीं हाल लखनऊ के डिगडिगा निवासी हरिकेश के पिता रंजीत व उसकी मां सुमन का था। परिजनों को रोता बिलखते देख ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गईं।
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