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बेटियों ने दिलाई मां के हत्यारे पिता को उम्रकैद की सजा, जानिए पूरा मामला
बुलंदशहर न्यूज़: मां के हत्यारे पिता को दो नाबालिग बेटियों ने उम्रकैद की सजा दिलाई। अपनी मां के हत्यारे पिता को सज़ा दिलाने के लिए दोनों बेटियों ने तमाम मुश्किलें झेलकर भी 6 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। दोनों बेटियों की इस लड़ाई में उनके कर्णधार साबित हुए एडवोकेट संजय शर्मा। बुधवार को जिला न्यायालय ने हत्यारोपी पिता को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा और 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। बुलन्दशहर की बेटियों ने पिता को उम्र कैद की सजा दिलाकर एक नज़ीर पेश की है। दोनों बेटियां इस हत्याकांड की चश्मदीद गवाह भी थीं।
वर्ष 2016 में हुई थी अनु की निर्मम हत्या: वर्ष 2016 में ससुराल में बुलंदशहर निवासी अनु बंसल की जिंदा जलाकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की अनु बंसल की बेटी लतिका बंसल और तानिया बंसल चश्मदीद गवाह थीं। इस घटना को लेकर मृतका अनु की माता ओमवती देवी ने अपने दामाद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। मां को न्याय दिलाने के लिए पिता के सामने अनु की दोनों बेटी चट्टान की तरह खड़ी रही। बुधवार को एडीजे-6 विवेक कुमार की कोर्ट ने इस हत्याकांड में अनु के पति मनोज बंसल को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए 20 हज़ार का जुर्माना लगाया है।
लड़का पैदा नहीं होने पर की हत्या: दर्ज रिपोर्ट में मृतका की मां ओमवती ने बताया था कि वर्ष 2000 में बुलंदशहर निवासी अनु की शीतलगंज निवासी मनोज बंसल से शादी हुई थी। अनु के दो बेटियां थीं। शादी के बाद लड़का पैदा नहीं होने पर अनु का कई बार गर्भपात भी कराया गया। और अनु के मायके में फोन कर उसे वपास ले जाने की चेतावनी भी दी गई। मायके वालों द्वारा काफी समझाने के बाद भी मनोज ने पहले अनु को जान से मारने की धमकी दी और उसके बाद उसकी हत्या कर दी। छह साल की लंबी लड़ाई के बाद अनु की दोनों बेटियों को न्याय मिला। अनु की दोनों बेटियों ने मुकदमें के वकील और कोर्ट के प्रति आभार जाहिर किया है।
अखिलेश को लिखा था खून से खत: 2016 में मां की हत्या के बाद अनु की दोनों बेटियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को खून से खत लिख दिया था। इसके बाद वह देशभर में चर्चा में आई थी। तब मुख्यमंत्री कार्यालय से इस मामले पर संज्ञान लिया गया था और मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू की थी।
बेटियों के साहस के कारण ही आरोपी को मिली सज़ा- संजय शर्मा
दोनों बेटियों की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता संजय शर्मा ने बुधवार को फैसला आने के बाद कहा कि दोनों बेटियों के मजबूत इरादों ने ही उनकी मां के हत्यारोपी को सज़ा दिलवाई है। बेटियों के साहस के कारण ही उन्होंने भी इस केस के हर पहलू को उजागर किया और हत्यारोपी को उसके अंजाम तक पहुंचाया है। बता दें कि संजय शर्मा ने इस केस में पीड़ित बच्चियों की सम्वेदनाएँ समझते हुए इस केस को लड़ने के लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया है।