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सवा साल से तारीख पर तारीख, पर नहीं तय हो सके आरोप
इलाहाबाद न्यूज़: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्य़क्ष और बाघम्बरी मठ के महंत रहे नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोप तय होने के लिए बीते सवा साल से सिर्फ तारीख पर तारीख लग रही है.
इस दौरान एक, दो नहीं 37 बार सुनवाई के लिए पत्रावली न्यायालय में पेश की गई. सेशन जज की कोर्ट में आरोप तय होने के लिए पहली तारीख 21 दिसंबर 2021 नियत की गई थी. इसके बाद कोर्ट ने हर माह सुनवाई के लिए लगभग दो तिथि नियत की लेकिन आनंद गिरि और अन्य पर आरोप तय नहीं हो सके. कोई न कोई कारण बताकर बचाव पक्ष के अधिवक्ता कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर तारीख पर तारीख लेते रहे. सवा साल हो गए आरोप तय होने की कार्यवाही अटकी है.
गौरतलब है कि 20 सितंबर 2021 को महंत नरेंद्र गिरि का शव मठ के कमरे में मिला था. सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप उनके शिष्य आनंद गिरि, बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी पर लगा था. 22 सितंबर को आनंद गिरि को गिरफ्तार किया गया. कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया. मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण शासन ने जांच सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई ने 28 सितंबर से चार अक्तूबर तक आनंद गिरि को अभिरक्षा में लेकर कई अहम सबूत इकट्ठा किए.
सीबीआई कोर्ट से आनंद गिरि, आद्या प्रसाद और संदीप तिवारी के पॉलीग्राफ टेस्ट करने की इजाजत मांगी गई लेकिन आरोपितों की सहमति न होने के कारण इजाजत नहीं मिली. 20 नवंबर को सीबीआई का आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सेशन कोर्ट को फाइल सुपुर्द कर दिया.
19 पेज की चार्जशीट पर सीबीआई ने 152 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. अब एक बार फिर इस मामले की सुनवाई के लिए 27 मार्च की तिथि नियत की गई है.
मजिस्ट्रेट कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जमानत हुई खारिज
आनंद गिरि ने 22 सितंबर 2021 को तत्कालीन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्र नाथ की कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी, सुनवाई के बाद कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी. 11 नवंबर 2021 को सेशन जज की कोर्ट में आनंद गिरि की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, वहां भी अर्जी खारिज हो गई. नौ सितंबर 2022 को हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज की गई. एक मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा.
आनंद गिरि ने कोर्ट में दिए कई प्रार्थना पत्र
30 अप्रैल 2022 को आनंद गिरि ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर हनुमान चालीसा और योग करने की इजाजत मांगी और यह आरोप लगाया कि जेल प्रशासन उनका उत्पीड़न कर रहा है. प्रार्थना पत्र के बाद जेल प्रशासन ने शासन से अनुमति लेकर आनंद गिरि को नैनी सेंट्रल जेल से चित्रकूट जेल के लिए स्थानांतरित कर दिया था. हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आद्या प्रसाद अपने स्वास्थ्य को लेकर इलाज कराने की अनुमति मांगी. इस दौरान आनंद गिरि की ओर से मुकदमा किसी अन्य प्रदेश में सुनवाई के लिए स्थानांतरित करने की अर्जी की गई.