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सनसनीखेज 20 हत्याकांड में रोज हो रही कोर्ट में सुनवाई
मेरठ न्यूज़: सनसनीखेज हत्याकांड के मुकदमों में आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है. मेरठ जिले में 20 मुकदमों को चिन्हित किया गया है और इन मुकदमों में एक से लेकर दो दिन के अंतराल पर सुनवाई कोर्ट में कराई जा रही है. मुकदमों में जल्द से जल्द तमाम गवाही पूरी कराई जा रही हैं और वैज्ञानिक साक्ष्यों को भी जल्द से जल्द मंगवाया जा रहा है. वहीं, इसके लिए क्राइम ब्रांच को जिम्मेदारी भी दी गई है. डीजीपी के आदेश पर लगातार ऐसे मुकदमों की मॉनिटरिंग कराई जा रही है.
यूपी में गंभीर अपराध के मुकदमों में जल्द से जल्द कार्रवाई और आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अभियान शुरू किया गया है. डीजीपी के आदेश पर हर जिले में गंभीर अपराध (हत्या, डकैती और बड़ी लूट) के 20-20 मुकदमों की लिस्ट बनाई गई. इसके बाद मुकदमों में साक्ष्य संकलन करते हुए चार्जशीट जल्द से जल्द कोर्ट में दाखिल करने और बाकी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कार्रवाई हो रही है. कोर्ट में इन मुकदमों में रोजाना या दो से तीन दिन में तारीख लेने और सुनवाई कराने की प्रक्रिया पुलिस की ओर से शुरू कराई जा रही है. मेरठ में सनसनीखेज और जघन्य 20 हत्या के मुकदमों की लिस्ट पिछले दिनों तैयार की गई. ये सभी मुकदमे फिलहाल कोर्ट में ट्रायल पर हैं. इन मुकदमों में मॉनिटरिंग और तारीख की व्यवस्था कराने के लिए एसपी क्राइम और क्राइम ब्रांच को जिम्मेदारी दी गई है. इन मुकदमों में पुलिस की ओर से पैरोकार और सरकारी वकील मिलकर कोर्ट में रोजाना सुनवाई के लिए तारीख ले रहे हैं. यदि संभव नहीं होता तो दो से तीन दिन का समय लिया जाता है. अभियोजन अधिकारी भी इस काम में मदद में लगाए गए हैं, ताकि केस में साक्ष्य संकलन से तमाम बिंदुओं पर कोई कमी न रह जाए.
अब डकैती और लूट का नंबर पुलिस हत्या के मुकदमों के अलावा अब डकैती और लूट के मुकदमों की लिस्ट बना रही है. इनके भी 20-20 मुकदमे लिए जा रहे हैं. पुलिस चार्जशीट के साथ गैंगस्टर की कार्रवाई भी शुरू कर रही है.
दुस्साहसिक और बड़े हत्याकांड के मुकदमों को चिन्हित कर लिस्ट बनाई गई है. इसके बाद इनमें कोर्ट में लगातार तारीख लेकर सुनवाई कराई जा रही हैं, ताकि सजा जल्द दिलाई जा सके.
-रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी
ये होगा लाभ
● आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सकेगी.
● मुकदमों के निस्तारण में कम समय लगेगा.
● अपराधियों की सजा के अनुसार बाकी कार्रवाई भी शुरू होगी.
मंगवाई जा रही रिपोर्ट
चिन्हित किए गए मुकदमों में से जिनमें भी वैज्ञानिक साक्ष्य (फिंगर प्रिंट, सीसीटीवी फुटेज, अंगुलियों के निशान, डीएनए रिपोर्ट या फुटप्रिंट) जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजे गए हैं, उन्हें जल्दी कोर्ट में उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है. इन मुकदमों में साक्ष्य संबंधित रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराने के लिए एसएसपी की ओर से पत्राचार कराया जा रहा है. कोर्ट में केस की सुनवाई होने के दौरान ही साक्ष्य भी पेश करा दिए जाएंगे व सुनवाई भी प्रभावित नहीं होगी.