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साइबर ठगों ने केजीएमयू के पूर्व कुलपति को झांसा देकर 2.27 करोड़ की ठगी की
मथुरा: साइबर ठगों ने केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. रविकांत से दो करोड़ 27 लाख रुपये हड़प लिए. फेसबुक पर वैनगार्ड नाम से बने पेज के जरिए धोखाधड़ी की गई. उधर,कर्नल डॉ. रनधीर पुरी, केजीएमयू आर्थोपैडिक विभाग की प्रोफेसर डॉ. अलका सिंह, केजीएमयू के जेआर डॉ. सूर्या और डॉ. पल्लवी पाण्डेय ने ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है.
फेसबुक पर देखी थी पोस्ट, गंवा दिए दो करोड़ डॉ. रविकांत के मुताबिक फेसबुक पर वैनगार्ड वेल्थ मैनेजमेंट के नाम से एक पेज था, जिसकी वह जुड़ गए थे. कम्पनी ने दावा किया था कि उनके साथ जुड़ कर कम वक्त में मुनाफा कमाया जा सकता है. साइबर ठगों ने रविकांत के बैंक अकाउंट की फर्जी डिटेल भी तैयार की थी. जिसमें निवेश पर मुनाफा होना दिखाया गया था. धोखा देकरदो करोड़ 27 लाख रुपये का निवेश कराया गया.
मनी लांड्रिंग में शामिल हैं, गिरफ्तारी हो जाएंगी केजीएमयू आर्थोपेडिक विभाग में प्रोफेसर डा. अलका सिंह के पास अन्जान नम्बर से कॉल की गई. फोन करने वाले ने खुद को महाराष्ट्र पुलिस का अधिकारी बताया. आरोपी ने अलका से कहा कि उनके सिम कार्ड का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग और राष्ट्र विरोधी गतिविधि में हो रहा है. यह झांसा देते हुए कथित पुलिस अधिकारी ने 40 लाख हड़प लिए. इसी तरह डालीबाग निवासी डा. पल्लवी पाण्डेय के पास भी अन्जान नम्बर से कॉल की गई. पल्लवी को बताया गया कि उनका सिम राष्ट्र विरोधी गतिविधि में इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे में अरेस्टिंग भी हो सकती है. इससे बचना चाहती है तो बताए गए खाते में रुपये जमा करने होंगे. ठगों की धमकी से सहमी पल्लवी ने करीब लाख रुपये टुकड़ों में जमा कर दिए.
● अन्जान नम्बर से फोन करने पर बैंक से जुड़ी जानकारी साझा न करें
● पुलिस की तरफ से गिरफ्तारी से बचने के लिए फोन कर रुपये नहीं मांगे जाते
● कम वक्त में मोटे मुनाफे का झांसा देने वालों पर विश्वास नहीं करें
● अपरिचित को पिन, ओटीपी और क्रेडिट कार्ड का सीवीवी नहीं बताएं
● मोबाइल पर रिमोट एक्सेस एप डाउनलोड करने से बचें
शेयर मार्केट और रेटिंग के नाम पर रुपये ठग लिए:
कर्नल डॉ. रनधीर पुरी से करीब 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई. शेयर मार्केट में किए गए निवेश पर 400 प्रतिशत की दर से मुनाफा दिलाने का झांसा देते हुए निवेश कराया गया था. डॉ. पुरी ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. वहीं, केजीएमयू में तैनात जेआर डा. सूर्या को अन्जान नम्बर से मैसेज भेज कर होटल और साइट की रेटिंग करने के लिए कहा गया. उनसे तीन लाख 50 हजार रुपये जमा कराए गए.