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बहराइच: टीबी रोगियों की शीघ्र पहचान कर उन्हें बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में गुरुवार को निक्षय दिवस मनाया गया। टीबी के लक्षण वाले संभावित मरीजों के बलगम की जांच की गयी। वहीं पुराने मरीजों का इलाज भी शुरू किया गया। साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों पर कफ कार्नर की स्थापना की गई। जिसके द्वारा भी लोग टीबी की जांच करा सकते हैं।
जिला मुख्यालय स्थित जिला क्षय रोग नियंत्रण केंद्र में बृहस्पतिवार को निक्षय दिवस का शुभारंभ हुआ। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि टीबी की रोकथाम व इस रोग से छुटकारा दिलाने के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों व जन आरोग्य केंद्रों पर निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। यह दिवस प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रत्येक माह की 15 तारीख को मनाया जाएगा।
सीएमओ ने कहा कि टीबी रोगी व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो हवा के माध्यम से यह एक दूसरे में फैलती है। मधुमेह, एचआईवी से ग्रसित व कुपोषित व्यक्तियों में इसके होने की संभावना अधिक होती है। उन्होंने बताया टीबी मरीजों का शीघ्र इलाज इसके प्रसार को रोकने का सबसे तरीका है। क्योंकि इलाज शुरू होने के तीन सप्ताह बाद मरीज की खांसी गैर संक्रामक हो जाती है और इसका प्रसार रुक जाता है। उन्होने बताया निक्षय दिवस के माध्यम से संभावित टीबी मरीजों को खोजने में मदद मिलेगी साथ ही मरीज को जल्द इलाज की सुविधा मिल जाएंगी। उधर जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर भी निक्षय दिवस मनाया गया। साथ ही ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों में टीबी की जांच की गई।
संभावित मरीजों की दो बार होगी जांच: उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पवन कुमार वर्मा ने बताया कि निक्षय दिवस पर आए सभी संभावित टीबी मरीजों के बलगम की जांच के लिए उन्हें दो डिब्बियाँ दी जा रहीं है । पहली बलगम की जांच में टीबी की पुष्टि होने पर दोबारा सुबह के बलगम की जांच की जाएगी । दूसरी जांच में टीबी की पुष्टि होने पर मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही मरीज का इलाज चलने तक निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए महीना पौष्टिक भोजन के लिए दिया जाएगा।
दो हप्ते से खांसी है तो कराएं जांच: पयागपुर के हसुवापरा में सीएचओ रुकमणी सिंह, आशा संगिनी दीप्ति पाण्डेय व आशा कार्यकर्ता शैल कुमारी ने घर-घर जाकर टीबी के लक्षण वाले लोगों को जांच कराने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने लोगों से कहा कि यदि किसी को दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आ रही है, रात में पसीना आता है, भूंख नहीं लगती है या दो हफ्ते से अधिक समय से बुखार रहता है तो जांच कराने का सबसे अच्छा मौका है। बीपीएम अनुपम शुक्ल ने बताया कि हसुवापारा गांव से 12 संभावित मरीजों के बलगम की जांच की गयी है। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर इलाज के लिए मरीज को सूचना दी जाएगी।