उत्तर प्रदेश

हार के बाद आसान नहीं दारा सिंह की ताजपोशी, राजभर चुप, दारा का दिल्ली में डेरा

Harrison
2 Oct 2023 9:49 AM GMT
हार के बाद आसान नहीं दारा सिंह की ताजपोशी, राजभर चुप, दारा का दिल्ली में डेरा
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उत्तरप्रदेश | घोसी उपचुनाव की हार ने दारा सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अब उनकी ताजपोशी की राह आसान नहीं रही. सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने हार के बाद खुद के और दारा के जल्द मंत्री बनने के बयान के बाद से मामला और पेचीदा हो गया है. भाजपा के भीतर भी इसे लेकर विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तो मंत्री बनने संबंधी बयान को लेकर राजभर को नसीहत भी दे चुके हैं. वहीं राजभर के सजातीय प्रदेश सरकार के मंत्री अलग हमलावर हैं.
विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ सपा में शामिल होने वाले प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों में से दो स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी तो पहले ही चुनाव हार गए थे. अकेले दारा सिंह चौहान ही थे, जो घोसी से विधायक बने थे. मगर घोसी उपचुनाव के नतीजों ने उन्हें भी स्वामी प्रसाद और धर्म सिंह सैनी की कतार में खड़ा कर दिया.
राजभर चुप, दारा का दिल्ली में डेरा दारा चुनाव हारने के कुछ दिन बाद से ही दिल्ली में डेरा डाले हैं. पार्टी के शीर्ष नेताओं से मिल रहे हैं. दो दिन पहले ही उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की है. वे किसी तरह एडजस्ट होने के लिए फील्डिंग सजाने में जुटे हैं, मगर अभी तक सफलता नहीं मिल सकी है. घोसी का चुनाव खत्म होते ही राजभर का भी मंत्री बनना तय माना जा रहा था. मगर, फिलहाल दारा सिंह के चक्कर में उनका मामला भी लटका हुआ है. सूत्रों की मानें तो बड़बोलेपन के लिए उन्हें भाजपा से नसीहत भी मिल चुकी है. यही कारण है कि इन दिनों वे अप्रत्याशित रूप से चुप्पी साधे हैं. हर सवाल के जवाब में बस यही कह रहे हैं कि थोड़ा इंतजार कीजिए, सब सही होगा.
दिल्ली भी कर रहा नफा-नुकसान का आकलन राजभर तो भले ही देर-सवेर मंत्री बन जाएं मगर फिलहाल दारा सिंह चौहान की दिक्कत बढ़ी हुई है. दरअसल, घोसी के नतीजों से केंद्रीय नेतृत्व के कान भी खड़े हो गए हैं कि यूपी संबंधी फैसलों में जल्दबाजी ठीक नहीं, वो भी तब जब लोकसभा चुनाव नजदीक हों. सबकी निगाहें दिल्ली के फैसले पर टिकी हैं. हालांकि दिल्ली भी अब यह आंकलन करा रहा है कि हार के बाद भी दारा को मंत्री बनाने में कितना नफा-नुकसान है. उधर, कई राज्यों में विधानसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व की व्यस्तता ने भी दारा सिंह चौहान की धड़कनें बढ़ा रखी हैं. वैसे पूर्व उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा के राज्यसभा जाने से रिक्त हुई एमएलसी सीट को लेकर अभी फैसला होना बाकी है, सो दारा सिंह की उम्मीदें बरकरार हैं.
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