उत्तर प्रदेश

हजारों मरीजों के इलाज पर संकट, केजीएमयू ओपीडी में ऑनलाइन पंजीकरण बना मुसीबत

Renuka Sahu
27 March 2022 6:06 AM GMT
हजारों मरीजों के इलाज पर संकट, केजीएमयू ओपीडी में ऑनलाइन पंजीकरण बना मुसीबत
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फाइल फोटो 

कोरोना का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है। 30 से कम सक्रिय मरीज बचे हैं। इसके बावजूद केजीएमयू में कोविड को लेकर पाबंदियां जारी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है। 30 से कम सक्रिय मरीज बचे हैं। इसके बावजूद केजीएमयू में कोविड को लेकर पाबंदियां जारी है। सबसे ज्यादा दिक्कत ओपीडी मरीजों को झेलनी पड़ रही है। ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर ही ओपीडी में मरीज देखे जा रहे हैं। मौके पर पंजीकरण की सुविधा पूरी तरह से नहीं खोली गई है। इसका खामियाजा गरीब व दूर-दराज से आने वाले मरीज भुगत रहे हैं।

सामान्य दिनों में केजीएमयू की ओपीडी में रोजाना आठ से 10 हजार मरीज आते थे। कोविड के बाद मौके पर पंजीकरण बंद कर दिया गया। वहीं विभागों में मरीजों की संख्या पर भी पाबंदी लगा दी गई। यही वजह है कि इस समय ओपीडी में बामुश्किल 2500 से तीन हजार मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। अब पीजीआई व लोहिया समेत दूसरे सरकारी अस्पतालों में ओपीडी में दिखाने के लिए मौके पर पंजीकरण हो रहे हैं। पर, केजीएमयू में ऑनलाइन पंजीकरण के पर्चा नहीं बन पा रहा है।
बिना इलाज लौट रहे मरीज
केजीएमयू में प्रदेश भर से मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। समय पर मरीजों को आप्वांइटमेंट भी नहीं मिल पा रहा है। मरीज डॉक्टर की सलाह के लिए भटक रहे हैं। अलीगढ़ निवासी सलीम खान को खून से जुड़ी बीमारी है। शनिवार को वह दिखाने के लिए आए। मौके पर पंजीकरण न होने से वह डॉक्टर की सलाह नहीं ले सके। फैजाबाद के राजन कुमार को ईएनटी संबंधी परेशानी है। मौके पर पंजीकरण नहीं हो सका। कॉर्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी में शनिवार को बिहार के हरीश कुमार, आनंद कुमार का पंजीकरण नहीं हुआ। कर्मचारियों ने उनसे ऑनलाइन पंजीकरण कराने की सलाह दी। साइबर कैफे में उन्हें तारीख नहीं मिली। मजबूरन वे बिना इलाज लौट गए।
धक्के खा रहे मरीज
डॉक्टरों का कहना है कि मौके पर पंजीकरण न होने से सभी को दिक्कत हो रही है। मरीज सीधे डॉक्टर के पास आ रहे हैं। हम लोग कर्मचारियों को ओपीडी पंजीकरण के लिए कहना पड़ रहा है तब उनका ओपीडी पंजीकरण हो पा रहे हैं। वे भटक रहे हैं। उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। मरीज भटक रहे हैं। इलाज के लिए धक्के खा रहे हैं।
मौके पर हो रहा पंजीकरण
केजीएमयू प्रवक्ता सुधीर सिंह ने कहा कि जरूरतमंद मरीजों का मौके पर ओपीडी पंजीकरण हो रहा है। ऑनलाइन पंजीकरण वालों को स्लॉट के हिसाब से डॉक्टर देख रहे हैं।
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