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सनातन संस्कृति पर झूठे वृतांत से अदालतें भी प्रभावित
फैजाबाद न्यूज़: विश्व हिन्दू परिषद के विधि प्रकोष्ठ का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन मानस भवन के प्रेक्षागृह में शुरू हुआ. इस अधिवेशन का अनावरण करते हुए मुख्य वक्ता एवं विहिप के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार द्विवेदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति के खिलाफ सुनियोजित रूप से झूठे नरेटिव गढ़कर उन्हें सत्य की तरह स्थापित करने की साजिशें चल रही है जिससे ज्यूडिशियली भी प्रभावित हो जा रही है.
उन्होंने कहा कि जाति-भाषा व क्षेत्र वाद की आड़ लेकर हमले किए जा रहे हैं. श्रीरामचरितमानस पर अशोभनीय टिप्पणी, दीवाली में पटाखों से प्रदूषण व होली में रंगों से एलर्जी इत्यादि के नरेटिव प्रमाण है. उन्होंने समलैंगिकता व लिव इन रिलेशनशिप को लेकर अदालत की सक्रियता पर सवाल भी खड़ा करते हुए कहा हजारों साल की सामाजिक व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने की कोशिशों के प्रति जागरूक होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि परिवार नामक संस्था की अवधारणा छिन्न-भिन्न होने के साथ पति-पत्नी के सम्बन्ध महज कांट्रैक्ट आधारित हो गये तो बच्चों व माता- पिता के भविष्य का क्या होगा. उन्होंने कहा कि अधिकार का लीगल मैकेनिज्म बनने से नैतिकता के आधार पर दायित्व बोध भी खत्म हो जाएगा.इसको रोकने की जरूरत है.
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे महंत कमलनयन दास का पदाधिकारियों ने स्वागत किया. विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरएन सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया. उदघाटन सत्र में गुजरात हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर त्रिपाठी, श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय, विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक दिलीप भाई त्रिवेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किए. संचालन राष्ट्रीय सह संयोजक अभिषेक आत्रेय ने किया.