उत्तर प्रदेश

अदालत ने पूर्व विधायक हरीराम समेत दो को सुनाई कैद की सजा

Admin Delhi 1
1 Oct 2022 9:12 AM GMT
अदालत ने पूर्व विधायक हरीराम समेत दो को सुनाई कैद की सजा
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कोर्ट रूम न्यूज़: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में साढ़े सात वर्ष पूर्व पुलिस पार्टी पर फायर करने के मामले में आरोपी दुद्धी के पूर्व विधायक हरीराम चेरो समेत दो अन्य को दोषी करार देते हुए स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को 3-3 वर्ष की कैद एवं जुर्माने की सजा सुनायी है। अपर सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) राहुल मिश्रा की अदालत ने तीनों दोषियों पर 10-10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी। अदालत ने इस मामले के दो अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक 14 जनवरी 2015 को उपनिरीक्षक जेके सिंह प्रभारी जन शिकायत प्रकोष्ठ पुलिस बल के साथ पुलिस कार्यालय से रवाना हुए, तभी स्वाट प्रभारी सुनील चन्द्र तिवारी एवं चुर्क चौकी प्रभारी पुलिस बल के साथ चुर्क मोड़ पर मिले। तभी उन्हें सूचना मिली कि कुछ अपराधी जेपी एसोसिएट के अधिशासी अधिकारी अजय शर्मा के अपहरण की योजना बना रहे हैं। इस सूचना पर मौके पर पुलिस टीम पहुंच गई।

मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी करके सफेद रंग की स्कार्पियो से आए अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो अपराधियों ने पुलिस पार्टी पर गोली चला दी। इसके जवाब में पुलिस टीम ने भी हवाई फायर किया और अभियुक्तों को मौके से गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से असलहा, कारतूस, विस्फोटक सामग्री आदि बरामद हुआ। इनकी पहचान पूर्व विधायक दुद्दी हरीराम चेरो निवासी गददरवा थाना हाथीनाला, गिरजानन्द सिंह चेरो निवासी ककरोत थाना पाटन जिला पलामू झारखण्ड , जावेद अहमद व बमभोला पासवान के रूप में हुयी। पुलिस ने ओबरा थाने में एफआईआर दर्ज कर विवेचना की। पुलिस विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत पाए जाने पर न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया।

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर आर्म्स एक्ट में दोषसिद्ध पाकर दोषी दुद्दी के पूर्व विधायक हरीराम चेरो व गिरजानन्द सिंह चेरो को 3-3 वर्ष की कैद एवं 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं दो आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय प्रकाश यादव ने बहस की।

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