उत्तर प्रदेश

अदालत ने दो आरोपियों को अपहरण के बाद बालक की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई

Admin Delhi 1
8 Jun 2022 11:22 AM GMT
अदालत ने दो आरोपियों को अपहरण के बाद बालक की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई
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सिटी क्राइम न्यूज़ अपडेट: अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र कोर्ट संख्या-6 आजाद सिंह ने मंगलवार को बालक का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को नहर में फेंकने के दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा एवं 35-35 हजार के जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

मामला थाना शिकोहाबाद से जुड़ा हुआ है। अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रथम सूचना रिपोर्टकर्ता कामता सिंह यादव ने थाने पर इस आशय की तहरीर दी कि मेरा पुत्र अभिषेक कुमार (13) करीब 5.00 बजे शाम साइकिल लेकर घर से गया था। जिसके बाद वह घर नही लौटा। इसकी गुमशुदगी मेने 6 नवंबर 1987 को लिखायी थी। मैं और मेरे रिश्तेदार मेरे लड़के की तलाश में लगे थे। 11 नवंबर 1987 को मुझे रिश्तेदार राजेन्द्र सिंह पुत्र लक्ष्मी नारायन, निवासी ग्राम नगला मान सिंह, थाना भोगांव, मैनपुरी ने बताया कि मेरे लड़के की लाश नहर पुल झाल पिलखर के सामने थाना इकदिल में नहर में बहती हुयी मिल गयी है, जिसे थाना इकदिल की पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। मैंने तथा हमारे घर वालों व रिश्तेदारों ने अच्छी तरह पहचान लिया हैं यह लाश मेरे लड़के मिन्टू उर्फ अभिषेक कुमार की है। मेरे लड़के मिन्टू को किसी ने मारकर नहर में डाल दिया है। पुलिस ने तहरीर पर अपहरण कर हत्या के बाद शव को नहर में फेंकने की रिपोर्ट अभियुक्तगण राजू सिंह, राम कुमार सिंह, गुलाब सिंह एवं यादवेन्द्र सिंह के विरूद्ध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने विवेचना उपरांत अभियुक्त राजू सिंह पुत्र कमल सिंह, राम कुमार सिंह पुत्र नेत्रपाल सिंह निवासी लभौआ शिकोहाबाद, गुलाब सिंह एवं यादवेन्द्र सिंह पुत्र वेदप्रकाश निवासी गढ़िया बेबर मैनपुरी के विरूद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 27 जनवरी 1990 को अभियुक्त गुलाब सिंह को उन्मोचित कर दिया। मुकदमा सुनवाई एवं निस्तारण हेतु अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र कोर्ट संख्या-6 आजाद सिंह के न्यायालय में भेजा गया।

अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अजय शर्मा ने बताया कि विद्वान न्यायाधीश आजाद सिंह नेे पत्रावली पर उपलब्ध तमाम साक्ष्य का गहनता से अध्यन करने के बाद आरोपित यादवेंद्र सिंह व राजू सिंह को दोषी पाते हुए खुले न्यायालय में सजा सुनाई है। जबकि आरोपी राम कुमार को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया है।

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