उत्तर प्रदेश

अदालत ने महिला चिकित्सक की हत्या के दोषी को उम्रकैद एवं जुर्माने की सजा सुनाई

Admin Delhi 1
29 Oct 2022 12:09 PM GMT
अदालत ने महिला चिकित्सक की हत्या के दोषी को उम्रकैद एवं जुर्माने की सजा सुनाई
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कोर्ट रूम न्यूज़: उत्तर प्रदेश के मथुरा में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय) नीरू शर्मा की अदालत ने एक महिला चिकित्सक की हत्या के आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद एवं 10 हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनायी है। अभियोजन पक्ष की आेर से एडीजीसी सुभाष चन्द्र चतुर्वेदी ने शनिवार को बताया कि 13 जुलाई 2018 को हाईवे थाना क्षेत्र के अन्तर्गत राधापुरम इस्टेट में महिला चिकित्सक डा खुशबू अग्रवाल की शाम को उसके घर में गला काटकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के समय उसके पति डा संजीव कुमार रांची बांगर की क्लीनिक में थे।। डा कुमार की शाम को लगभग 6 बजे पत्नी से बात हुई थी और 7 बजकर 13 मिनट पर उन्हें पड़ोसी नीरू मित्तल ने फोन पर इस हत्या की सूचना दी थी। उसने इसके बाद हाईवे थाने में पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने बाद में मौके पर मिले साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज एव सर्विलांस के आधार पर मथुरा जिले के मगोर्रा थाने के नगला टोटा गांव निवासी जितेन्द्र को गिरफ्तार किया। अदालत में पेश आरोप पत्र में पुलिस ने कहा कि घटना की शाम घर का दरवाजा खुला होने पर अभियुक्त लूट के इरादे से डाक्टर के घर में घुसा था। डा खुशबू अग्रवाल ने जब लूट का विरोध किया, तो उसने उनकी हत्या कर दी।

इस मुकदमे में चिकित्सक की 13 वर्षीय बेटी शानवी समेत आठ लोगों के बयान दर्ज किये गए थे। शानवी का कहना था कि वारदात के कुछ समय बाद जब वह घर पहुंची तो उसकी घायल तड़पती मां ने अभियुक्त की ओर इशारा कर कहा था कि आरोपी ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है। इसके तुरंत बाद उसकी मां की मृत्यु हो गई थी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जहां जितेन्द्र को निर्दोष करार करने की मांग करते हुए दलील दी कि चूंकि उसकी आयु कम है और उसका यह अपराध भी पहला है इसलिए उसे कम सजा दी जानी चाहिए। जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता चतुर्वेदी का कहना था कि अभियुक्त ने एक चिकित्सक की हत्या कर जघन्य अपराध किया है। इसलिए उसे कठोरतम सजा दी जानी चाहिए।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरू शर्मा ने शुक्रवार को बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज करते हुए अभियुक्त जितेन्द्र को आईपीसी की धारा 302 के अन्तर्गत आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त को 02 साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना होगा।

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