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उत्तर प्रदेश
कुख्यात शाहनवाज उर्फ प्लास्टिक को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद
Shantanu Roy
27 Sep 2022 11:41 AM GMT
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बड़ी खबर
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में 15 वर्ष पूर्व की गई 2 नमाजियों की हत्या के मामले में कोर्ट ने सुनवाई कर कुख्यात शाहनवाज उर्फ प्लास्टिक को दोषी ठहराया। कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। जबकि हत्याकांड में नामजद 7आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने दोषी पर 30500 रुपये का जुर्माना भी लगाया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कुलदीप सिंह ने बताया कि 15 वर्ष पूर्व थाना सिविल लाइन् क्षेत्र में रंजिश के चलते नमाजियों पर गोली चलाई गई थी। गोली लगने से 2 लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में माेमिन पुत्र हाशिम ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि 28 दिसंबर 2007 को वह और बशीर अन्य लोगों के साथ मदरसा महमूदनगर स्थित मस्जिद से अपरान्ह करीब एक बजे नमाज पढ़कर लौट रहे थे। आरोप था कि इस दौरान शाहनवाज उर्फ प्लास्टिक निवासी महमूदनगर तथा नसीर, सत्तार, मतलूब, गुड्डु एवं मुस्तकीम तथा वाजिद व साबिर ने उन पर गोलियां बरसाते हुए जानलेवा हमला किया था। हमले में बशीर और अतीक गोलियां लगने से घायल हो गए थे, जिनकी अस्पताल में मौत हो गई थी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कुलदीप कुमार ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 10 की जज हेमलता त्यागी ने की। बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद बशीर तथा अतीक हत्याकांड के मुख्य आरोपित शाहनवाज उर्फ प्लास्टिक को दोषी ठहराते हुए बाकी आरोपित नसीर, सत्तार, मतलूब, गुड्डु एवं मुस्तकीम तथा वाजिद व साबिर को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने दोषी शाहनवाज उर्फ प्लास्टिक को दोहरे हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई। उस पर 30500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। शाहनवाज ने 2007 में महमूद नगर के बशीर पर पीछे से रिवाल्वर से गोली चलाई थी, जो उसकी कमर में घुसकर सीना चीरकर निकल गई थी। यही गोली आगे चल रहे अतीक के सिर में जा घुसी थी। जिसके बाद दोनों की मौत हो गई थी। जिला जेल में निरुद्ध शाहनवाज को प्रशासनिक आधार पर साथी सुक्खा निवासी गांव सूजड़ु सहित 2011 में सहारनपुर जेल ट्रांसफर किया गया था। सहारनपुर जेल में शाहनवाज ने चम्मच से हथियार बनाकर सुक्खा का गला रेत दिया था। जिसके बाद उसे देवबंद उपकारागार भेजा था। दो दशक पूर्व एक बच्चे की हत्या में शाहनवाज जेल गया था। लोग बताते हैं कि जेल में कड़ी प्यास लगी तो वह पानी पीने के लिए बैरक गेट के सरियों के बीच से निकल आया था। इसके बाद से उसे प्लास्टिक नाम से पुकारा जाने लगा।
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