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अदालत ने वन कर्मियों पर हमले के आरोपी को 30 साल बाद बरी किया
आगरा: वन विभाग की भूमि से शीशम जैसे प्रतिबंधित पेड़ काटने का विरोध करने पर वन कर्मियों पर कुल्हाड़ी से हमला करने के मामले में आरोपित राम निवास निवासी थाना कोलारी, धौलपुर राजस्थान को राहत मिल गई है. अदालत ने साक्ष्य के अभाव में आरोपित को बरी करने के आदेश दिए. आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामप्रकाश सिंह धाकरे और वीर बहादुर सिंह धाकरे ने दलीलें दी. अधिवक्ता के मुताबिक को आदेश आया.
वन विभाग कर्मी हाकिम सिंह और राम वीर सिंह ने थाना खेरागढ़ पर तहरीर देकर आरोप लगाया था कि 17 अक्तूबर 1994 को उन्होंने वन क्षेत्र में गश्त के दौरान आरोपी राम निवास और अज्ञात को थाना खेरागढ़ क्षेत्र में शीशम के प्रतिबंधित कीमती पेड़ काटते देख विरोध किया. जिस पर आरोपी ने उन पर कुल्हाड़ी से प्रहार किया, वन कर्मियों ने आरोपी को पकड़ उसके कब्जे से काटे हुए शीशम के तने, कुल्हाड़ी आदि बरामद की.
कोठी मीना बाजार मैदान के पास नाले में मिला शव: कोठी मीना बाजार मैदान के पास सत्तो लाला फूड कोर्ट के सामने नाले में शव मिला. शव की पहचान गढ़ी भदौरिया निवासी हरीश के रूप में हुई. एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि हरीश जूता कारीगर था. की रात आठ बजे घर से निकला था. उसके बाद से उसका कोई सुराग नहीं था. परिजनों ने पुलिस को कोई सूचना नहीं दी थी. आशंका है कि पैर फिसलने पर वह नाले में गिर पड़ा. शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.
एडीए लिपिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा: एडीए में तैनात प्रवर्तन लिपिक दुष्यंत शर्मा के खिलाफ लोहामंडी थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है. आरोप है कि उन्होंने सचिव के फर्जी हस्ताक्षण से निर्माण को सील कराया था. जांच में खुलासा हुआ था कि जिस आदेश के तहत कार्रवाई हुई उस पर सचिव के हस्ताक्षर नहीं थे. मुकदमे के बाद पुलिस ने साक्ष्य संकलन शुरू कर दिया है. मुकदमा सहायक अभियंता एडीए सतीश कुमार ने दर्ज कराया है.