उत्तर प्रदेश

देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट मथुरा में लगेगा, वाहनों के ईंधन का बनेगा विकल्प

Renuka Sahu
2 July 2022 5:24 AM GMT
Countrys first green hydrogen project will be set up in Mathura, will be an alternative to fuel for vehicles
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फाइल फोटो 

देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट मथुरा में लगेगा। इसके जरिए वैकल्पिक ऊर्जा का नया विकल्प तैयार होगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट मथुरा में लगेगा। इसके जरिए वैकल्पिक ऊर्जा का नया विकल्प तैयार होगा। आने वाले वक्त में वाहनों में ईंधन के लिए यह बेहतर विकल्प होगा। इससे देश में कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में नेशनल हाइड्रोजन मिशन का ऐलान किया था। इसका मकसद देश को दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोजन हब बनाना है। इसके तहत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मथुरा में पहले से मौजूद ऑयल रिफाइनरी के पास इस पर काम होगा। यह रिफाइनरी के लिए हाइड्रोजन की यूनिट के तौर पर काम करेगी।

राजस्थान से आने वाली तेज हवाओं से पहले विंड इनर्जी बनेगी। इस विंड इनर्जी का इस्तेमाल ग्रीन हाड्रोजन बनाने में होगा। केंद्र सरकार के उपक्रम इंडियन ऑयल ने इस दिशा में पहल कर दी है। उसकी योजना हाइड्रोजन व सीएनजी के जरिए हाईथेन (एच- सीएनजी) बनाने की है।
ग्रीन हाइड्रोजन के लिए हो रहे हैं नए-नए प्रयोग
नीति आयोग ने हाल में हारनेसिंग ग्रीन हाइड्रोजन शीर्षक से रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि सीएसआईआर व सीईसीआरआई समुद्र के पानी का इस्तेमाल कर इलेक्ट्रोड विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है। कानपुर आईआईटी, मद्रास आईआईटी, आईआईटी जोधपुर व अन्य संस्थान मिल कर सोलर हाइड्रोजन जनरेशन सिस्टम पर काम कर रहे हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय भी इस दिशा में अलग से रिसर्च कर रहा है। ओएनजीसी इनर्जी सेंटर आईआईटी दिल्ली सल्फर आयोडीन थर्मोकेमिकल हाडड्रोजन साइकिल पर काम कर रहे हैं।
क्या है ग्रीन हाइड्रोजन
ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए पानी से हाइड्रोजन व ऑक्सीजन को इलेक्ट्रोलाइजर के जरिए अलग किया जाता है। भविष्य में यह ऊर्जा का सबसे स्वच्छ स्रोत होगा और काफी किफायती होगा। हाइड्रोजन द्वारा संचालित फ्यूल सेल आधारित वाहनों की धूम होगी। प्रदूषण भी बिल्कुल नहीं होगा।
इस दर पर मिलेगी
2025 तक डेढ़ डॉलर में एक किलो ग्रीन हाइड्रोजन मिलेगी, जबकि पांच साल बाद कीमत कम हो जाएगी। एक डॉलर में यह एक किलो मिलेगी। बाद में यह और सस्ती हो जाएगी।
5 केटीए ग्रीन हाइड्रोजन का हर साल होगा रिफाइनरी में उत्पादन
मथुरा में पेट्रोलियम उत्पाद पहले से ही हो रहा है, अब मथुरा रिफाइनरी में इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में भी मथुरा का नाम जुड़ जाएगा। रिफाइनरी से मिली जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट के तहत फिलहाल 5 केटीए (पांच किलो टन प्रति वर्ष) ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन होगा। बाद में समय के अनुसार इसकी क्षमता बढ़ाने पर कार्य होगा। इस बारे में केंद्र सरकार द्वारा आईओसी प्रबंधन को अवगत करा दिया गया है और आईओसी प्रबंधन ने मथुरा रिफाइनरी को इसकी जानकारी भी दे दी है। मथुरा के लिए यह गर्व की बात भी होगी कि देश में पहली बार मथुरा से ही ग्रीन हाइड्रोजन देश के लिए उपलब्ध होगी। ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए पानी से हाइड्रोजन व ऑक्सीजन को इलेक्ट्रोलाइजर के जरिए अलग किया जाता है।
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