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उल्टी गिनती शुरू: रैपिड का प्रायोरिटी सैक्शन पर इसी सप्ताह मुख्य ट्रायल संभव
मेरठ न्यूज़: रैपिड रेल का 'धरातली सपना' साकार होने को है। ट्रैक बिछ चुका है। सभी तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं। वायाडक्ट निर्माण पहले ही पूरा कर लिया गया है। ओएचई इंस्टॉलेशन भी अन्तिम चरण में हैं। कुल मिलाकर रैपिड के प्रायोरिटी सैक्शन पर 'छुक छुक' की आवाज के लिए उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इस प्रायोरिटी सैक्शन के सभी पांच स्टेशनों के बारे में आईए जानते हैं कि क्या है इसमें खास।
साहिबाबाद स्टेशन:
215 मीटर लम्बा व 25 मीटर चौड़ा यह स्टेशन अपने आप में बेहद आधुनिक स्टेशन है। इस स्टेशन में कुल तीन लेवल (ग्राउण्ड, कॉनकोर्स एवं प्लेटफॉर्म) हैं। स्टेशन के दोनोें प्लेटफॉर्म्स पर यात्री सुरक्षा के लिए प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) लगाए गए हैं। सुगम आवागमन के लिए एस्कलेटर्स और आधुनिक लिफ्ट इंस्टॉल की गई हैं। इस स्टेशन पर तीन प्रवेश एवं निकास द्वार हैं। पहला साहिबाबाद बस स्टैण्ड, दूसरा वसुन्धरा व तीसरा साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र की ओर है।
गाजियाबाद स्टेश्न:
भूमि स्तर से 26 मीटर ऊंचा गाजियाबाद स्टेशन दिल्ली मेरठ कॉरिडोर का सबसे ऊंचा स्टेशन है। यह स्टेशन 215 मीटर लम्बा व 42 मीटर चौड़ा है और इसमें चार लेवल (ग्राउण्ड, कॉनकोर्स, प्लेटफॉर्म एवं मैजनीन) हैं। व्यस्तम होने के कारण इस स्टेशन पर पांच प्रवेश एवं निकास द्वार बनाए गए हैं। चूंकि यह स्टेशन तीन ओर से सड़कों से घिरा है इसलिए यात्रियों को सुरक्षित स्टेशन तक पहुंचाने के लिए पांच में से तीन प्रवेश एवं निकास द्वारों को फुटओवर ब्रिज के जरिए स्टेशन से जोड़ा गया है।
गुलधर स्टेशन: इस स्टेशन की भू-स्तर से प्लेटफॉर्म लेवल तक ऊंचाई 16 मीटर है, जबकि चौड़ाई 25 मीटर है। इस स्टेशन के भी तीन ही लेवल हैं। इस स्टेशन के दोनों प्लेटफॉर्म्स पर पीएसडी (प्लेटफॉर्म्स स्क्र ीन डोर्स) लगाए गए हैं। यहां भी चार एक्सलेटर्स एवं दो लिफ्ट्स इंस्टॉल की गई हैं। गुलधर से गाजियाबाद स्टेशन के बीच वायाडक्ट निर्माण का काम पूरा कर लिया गया है। गुलधर स्टेशन पर ओएचई और आधुनिक सिग्नलिंग का काम भी पूरा कर लिया गया है। यह स्टेशन भी रैपिड के अन्य स्टेशनों की तरह खूबसुरत होगा।
दुहाई स्टेशन: इस स्टेशन की लम्बाई भी 215 मीटर ही है जबकि चौड़ाई 32 मीटर है। तीन लेवल वाले इस बेहद आधुनिक स्टेशन पर अन्य रैपिड स्टेशनों के तुलना अधिक सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी। यहां तीन ट्रैक बनाए गए हैं। दो ट्रैक ट्रेन आवागमन के लिए जबकि तीसरा ट्रैक दुहाई डिपो में ट्रेनों के आवागमन के लिए है। इसी वजह से इस स्टेशन की चौड़ाई बढ़ाई गई है। यहां प्लेटफॉर्म्स पर भी पीएसडी लगाए गए हैं। इस स्टेशन पर तीन प्रवेश एवं निकास द्वार होंगे। यह स्टेशन भी तीन लेवल का होगा।
दुहाई डिपो स्टेशन: दुहाई डिपो स्टेशन का निर्माण ग्रिड यानि कि धरातल पर ही किया गया है। इस स्टेशन की लम्बाई 150 मीटर जबकि चौड़ाई 15 मीटर रखी गई है। इस स्टेश्न पर प्रवेश एवं निकास के लिए दो द्वार ही बनाए गए हैं। दुहाई डिपो से आने वाली ट्रेनें इसी स्टेशन से होकर एलिवेटेड कॉरिडोर की ओर रवाना होंगी। इस स्टेशन के समाप्त होते ही कॉरिडोर के एलिवेटेड ट्रैक का रैम्प शुरू हो जाएगा।
आरआरटीएस डिपो: दुहाई डिपो और यहां निर्मित तीन मंजिला प्रशासनिक भवन बेहद महत्वपूर्ण है। दुहाई डिपोे से ही प्राथमिकता खंड (प्रायोरिटी सैक्शन) में ट्रेनों का संचालन होगा और यहीं पर आॅपरेशन कंट्रोल सेंटर बनाया गया है। दुहाई डिपो में आरआरटीएस ट्रेनों के लिए 11 स्टेबलिंग लाइन, 2 वर्कशॉप लाइन, 3 इंटरनल बे-लाइन, (आईबीएल) और एक हैवी इंटरनल क्लीनिंग (एचईसी) लाइन बनाई गई है।
यहां आईबीएल और टेस्टिंग लाइन के साथ अन्य लाइन्स भी 25 केवी की क्षमता के साथ चार्ज की जाएंगी। इस डिपो पर 13 ट्रेनें खड़ी हो सकेंगी। इसके अलावा इस डिपो पर ट्रेनों के रखरखाव की व्यवस्था, स्वचलित ट्रेन वॉशिंग प्लांट, ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर, बैकअप आॅपरेशन कंट्रोल सेंटर तथा डिपो कंट्रोल सेंटर भी स्थापित किए गए हैं।
प्रशासनिक भवन: दुहाई डिपो स्थित प्रशासनिक भवन में मुख्य कंट्रोल सेंटर बनाया गया है। यहां सिग्नलिंग एवं टेलीकॉम उपकरण कंट्रोल रुम के साथ ट्रेन आॅपरेटर्स की वर्चुअल ट्रेनिंग के लिए सिमुलेटर भी स्थापित किए गए हैं। इस भवन की मुख्य विशेषता इसमें बनाया गया अपरिमित सेंटर आॅफ इनोवेशन है। एनसीआरटीसी परिचालन दक्षता के साथ साथ प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए वर्चुअल रिएलिटी, आॅगमेंटेड रिएलिटी एवं बिल्डिंग इंफॉर्मेशन मॉडलिंग जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग कर रहा है और यह सभी तकनीकें इस सेंटर में मौजूद हैं। इसके साथ ही यहां एआर व वीआर लैब और थ्री डी स्कैनर रुम भी बनाए गए हैं।