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उत्तर प्रदेश
मुजफ्फनगर में अपर जिला जज पर भ्रष्टाचार का मामला सुप्रीमकोर्ट पहुंचा, एसआईटी को जांच के आदेश
Rani Sahu
7 Aug 2022 1:11 PM GMT
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मुजफ्फनगर में अपर जिला जज पर भ्रष्टाचार का मामला सुप्रीमकोर्ट पहुंचा
मुजफ्फरनगरः जनपद में अपर जिला जज पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के मामले ने नया मोड़ लिया है. इस मामले में जज की पत्नी की शिकायत पर दर्ज एफआईआर पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है.
अधिवक्ता अमित कुमार जैन ने मुजफ्फरनगर में तैनात एक एडीजे व उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इसकी शिकायत मुख्य न्यायमूर्ति इलाहाबाद को ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ की गई थी, जिसकी विजिलेंस जांच उच्च न्यायालय में चल रही है. इसके अतिरिक्त एडीजे की पत्नी ने सिविल लाइन थाने में अधिवक्ता अमित कुमार जैन के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई थी. मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए अमित कुमार जैन एडवोकेट ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. 25 अप्रैल 2022 को सीबीआई जांच की मांग खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने एसएसपी को अपनी निगरानी में जांच के आदेश दिए थे. इससे संतुष्ट न होने पर अमित कुमार जैन एडवोकेट सुप्रीमकोर्ट पहुंचे.
अब सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट सहित उत्तर प्रदेश राज्य एवं एसएसपी मुजफ्फरनगर व थाना अध्यक्ष सिविल लाइन तथा वादी नीरू अग्रवाल को नोटिस जारी कर 01/08/22 नियत की थी. इसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा कोई जवाब दाखिल न करने की स्थिति में उच्च न्यायालय इलाहाबाद को दो हफ्ते का समय देते हुए काउंटर शपथपत्र व कार्यवाही रिपोर्ट पेश करने के आदेश पारित किया गया.
थाना सिविल लाइन मुजफ्फरनगर को मामले की जांच को एसआईटी का गठन करने के लिए डीजीपी उत्तर प्रदेश को आदेशित किया कि वह एक सप्ताह के अंदर एसआईटी का गठन करें, जिसमें एक आईपीएस ऑफिसर एवं डिप्टी एसपी तथा एक एसएचओ की टीम गठित की जाए तथा स्टेटस रिपोर्ट दो सप्ताह के अंदर कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया. साथ ही अधिवक्ता अमित कुमार जैन की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी व मामले की सुनवाई के लिए 22 अगस्त तय कर दी है.
सोर्स - etv bharat hindi
Rani Sahu
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