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निगम की जमीन कब्जाई तो जीत के बाद भी गंवा सकते हैं पार्षदी
गाजियाबाद न्यूज़: नगर निगम की जमीन कब्जाने पर पार्षदी से हाथ धोना पड़ सकता है. चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी शपथ पत्र देकर यकीन दिला रहे हैं कि उनका निगम की जमीन पर कब्जा नहीं है.
जांच में शपथ पत्र झूठा निकला तो जीत के बाद पार्षदी जा सकती है. निगम नो ड्यूज जारी करने से पहले शपथ पत्र ले रहा है.
जिले में इस समय नगर निगम समेत सभी आठ निकायों में चुनाव की तैयारी तेज हो गई हैं. सभी निकायों के नामांकन पत्र जमा होने लगे हैं. नामांकन से पहले प्रत्याशी निगम और निकायों से नो ड्यूज ले रहे हैं. उन प्रत्याशियों को ही एनओसी जारी हो रही है जिन पर कोई बकाया नहीं है. निगम से अभी 720 एनओसी जारी हो चुकी हैं. साथ ही प्रत्याशी निगम में शपथ पत्र देकर यकीन दिला रहे हैं कि निगम की जमीन पर उनका कब्जा नहीं है. निगम से कोई विवाद नहीं है. इसके बाद शपथ पत्र की जांच होगी. जांच के दौरान शपथ पत्र झूठा मिलने पर संबंधित पर कार्रवाई होगी. पार्षद बनने पर पार्षदी से हाथ धोना पड़ सकता है.
इसलिए शपथ पत्र लिया जा रह: शहर में निगम की काफी जमीन है. उस पर जगह-जगह कब्जे हैं. कब्जा हटवाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इसके बावजूद जमीन कब्जामुक्त नहीं हो रही. विजयनगर, नंदग्राम और ट्रांस हिंडन क्षेत्र में जमीन कब्जाने की ज्यादा शिकायत आती हैं. कई पार्षदों पर भी जमीन कब्जाने के आरोप हैं.
निगम अधिकारियों पर पार्षदों से जमीन खाली नहीं कराने के आरोप लगते रहे हैं. इस विवाद से बचने के लिए निगम अधिकारी चुनाव से पहले ही शपथ पत्र ले रहे हैं ताकि उनकी छवि पर आंच न आ सके. बता दें कि निगम की बोर्ड बैठक में भी जमीन पर कब्जा करने के मामले अक्सर उठते रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि हाउस टैक्स जमा करने के बाद ही प्रत्याशियों को एनओसी दी जा रही है. हाउस टैक्स के लाखों रुपये निगम के खजाने में अब तक पहुंच गए हैं. इसके अलावा जो प्रत्याशी निगम के किरायेदार हैं और वह किराया जमा नहीं कर रहे तो उन्हें एनओसी नहीं दी जा रही. किराया जमा करने पर ही एनओसी मिलेगी. नगर निगम की जमीन के मामले में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी.