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निगम के अधिकारियों को सड़कों पर नहीं दिखाई दे रहा आवारा गोवंश
मेरठ: सड़कों पर निराश्रित गोवंश जो खुले में घूम रहा है। वह गोवंश चारे के अभाव में कूड़ा करकट एवं पॉलीथिन से अपना पेट भर रहा है, जिस कारण चारे की जगह कूडा करकट खाने के बाद उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। महानगर की सड़कों पर हजारों की संख्या में निराश्रित गोवंश खुले में घूम रहा है। इसी में कुछ घरेलू गोवंश भी सड़कों पर खूंटे से खुलकर आ जाता है।
ऐसे में निगम के कर्मचारी निरात्रित गोवंश को तो नहीं पकडते लेकिन यदि किसी का घरेलू गोवंश घर से खुलकर सड़क पर आ जाये तो उसे तत्काल पकड़ लेते हैं और उसे तत्काल गोशाला भिजवा दिया जाता है। क्योंकि निरात्रित गोवंश पर तो गोशाला में खर्च करना पड़ेगा लेकिन घरेलू गोवंश को पकडने के बाद जुर्माना रसीद की पर्ची काटने के बाद ही उस गोवंश को उसके मालिक के सुपुर्द कर दिया जाता है।
जिसमें एक गोवंश पर दो हजार रुपये से दस हजार रुपये प्रति गोवंश का जुर्माना तक वसूल कर निगम के खाते में जमा करा दिया जाता है। वहीं निराश्रित गोवंश को यदि पकडा जायेगा तो उसका जुर्माना कौन जमा करेगा,शायद इस लिए ही आवारा गोंवश को नहीं पकडा जाता। जोकि चारे के अभाव में वह सड़कों पर इधर उधर भटकता रहता है,जिसके बाद वह सड़क किनारे कूडे के ढेÞर पर ही कूडा करकट एवं पॉलीथिन आदि खाकर पेट भरता है।
वहीं मार्ग से होकर निकलने वाले राहगीर इन निराश्रित गोवंश से सड़क हादसे का शिकार तक हो जाते हैं। जबकि यह हालात तो तब हैं,कि मुख्यमंत्री स्पष्ट रूप से आदेश दे चुके हैं कि सड़कों पर आवारा गोवंश दिखाई नहीं देना चाहिए,निगम के अधिकारी सीएम के आदेश की अनदेखी कर रहे हैं,अब सीएम से बढ़कर किसके आदेश का इंतजार आवारा गोवंश को गोशाला भिजवाने के लिए चाहिए,यह सब समझ से परे है।