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उत्तर प्रदेश
कोरोना संकट : भारत में येलो फीवर की वैक्सीन खत्म, दक्षिण अफ्रीका समेत 43 देशों की अटकी यात्रा
Renuka Sahu
23 Jan 2022 6:20 AM GMT
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फाइल फोटो
कोरोना संक्रमण ने येलो फीवर से बचाव की वैक्सीन के निर्माण पर ब्रेक लगा दी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना संक्रमण ने येलो फीवर से बचाव की वैक्सीन के निर्माण पर ब्रेक लगा दी है। इसके चलते भारत में येलो फीवर वैक्सीन की आपूर्ति ठप हो गई है। पुरान स्टॉक खत्म हो चुका है। नतीजतन केजीएमयू समेत देशभर के सेंटरों पर यलो फीवर का टीका लगना बंद हो गया है। अकेले केजीएमयू में हर महीने 300 से अधिक लोगों को यह वैक्सीन लगाई जाती थी। इससे दक्षिण अफ्रीका समेत 43 देशों की यात्रा अटक गई है।
अफ्रीकी व सेंट्रल-साउथ अमेरिकी देशों में यात्रा से पहले येलो फीवर का टीका लगवाना होता है। लखनऊ में केजीएमयू समेत देश में 44 सेंटर बनाए गए हैं। केजीएमयू को यूपी संग उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, नेपाल का नोडल सेंटर नामित किया गया। यहां सोमवार, गुरुवार, शनिवार को यलो फीवर की वैक्सीन लगाई जाती है। जनवरी से यलो फीवर का टीका खत्म हो गया है। इसलिए हजारों लोगों की विदेश यात्रा के सपनों पर पानी फिर गया है।
डब्लूएचओ से केंद्र को नहीं मिला टीका
केजीएमयू के वैक्सीन सेंटर प्रभारी कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. जमाल मसूद के मुताबिक येलो वैक्सीन दुनिया के तीन देश ब्राजील फ्रांस और रुस में ही बनती है। यह देश निर्माण कर डब्लूएचओ को वैक्सीन देते हैं। डब्लूएचओ केंद्र सरकार को वैक्सीन देती है। इसके बाद केंद्र सरकार हिमाचल के कसौली की लैब में गुणवत्ता व मानकों की जांच करवाती है। यहां सही पाए जाने पर वैक्सीन सेंटरों को आपूर्ति की जाती है। वहीं कोरोना की तीसरी लहर आने से डब्लूएचओ को ही वैक्सीन नहीं मिल सकी। जल्द आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है।
इन देशों की यात्रा से पहले टीकाकरण जरूरी
साउथ अफ्रीका, केन्या, इजिप्ट, अल्जीरिया, घाना, नाइजीरिया, इथोपिया, सुडान, लीबिया, युगांडा समेत आदि अफ्रीकी व सेंट्रल-साउथ अमेरिकी देशों की यात्रा से पहले संबंधित सेंटरों पर येलो फीवर का वैक्सीन लगवाना जरूरी है। सेंटर से जारी वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र दिखाने पर ही इन देशों की यात्रा करने की इजाजत प्रदान की जाती है।
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