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लखनऊ न्यूज़: दिल्ली में डिफाल्टर घोषित होने के बाद यूपी में नेटवर्क तैयार कर रहे शेरपुरिया की मदद करने वालों में लखनऊ के कई लोग शामिल रहे. कुछ समय में ही संजय के बेहद करीबी बन चुके इन लोगों का ब्योरा एसटीएफ तैयार कर रही है. इनमें अफसर, राजनैतिक पार्टी से जुड़े लोग भी है. कॉल डिटेल और मोबाइल की चैट से भी इन लोगों से बातचीत करने की पुष्टि हुई है. कई चैट में लेन-देन की बात भी हुई है. इसी आधार पर विभूतिखंड पुलिस संजय शेरपुरिया के सम्पर्क में रहने वाले इन लोगों से पूछताछ करेगी. इसके साथ ही एसटीएफ भी पूछताछ के नोटिस जारी करेगी.
एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि जेल में बयान के दौरान शेरपुरिया ने कई सवालों का जवाब नकार दिया था. कई सवालों पर चुप्पी साध रखी थी. रिमाण्ड मिलने पर संजय शेरपुरिया को फिर इन सवालों से घेरा जायेगी. अब तक पांच दिन की पड़ताल में एसटीएफ और पुलिस ने कई और दस्तावेज व बैंक खातों का ब्योरा जुटा लिया है.
गाजीपुर से अक्सर लखनऊ आते थे कई लोग सूत्रों के मुताबिक गाजीपुर में रहने वाले कई लोग कुछ समय से लखनऊ में रहने लगे थे. दिल्ली से भागकर गाजीपुर में नेटवर्क बनाने लगा. यहां उसके विश्वास पात्र लोगों को उसने अपनी कम्पनी में काम करने के लिये चुना, फिर ये लोग अक्सर लखनऊ आने लगा. लखनऊ में कई लोग इनसे जुड़ गये. दावा किया जा रहा है कि इनमें कई लोग उसकी गिरफ्तारी के बाद गायब हो गये हैं.
शेरपुरिया का भतीजा मिलता था अफसरों से
शेरपुरिया का भतीजा उसका नेटवर्क संभाल रहा था. शेरपुरिया अक्सर गाजीपुर में रुक रहा था. उसके कहने पर यह भतीजा ही अफसरों से मिलने जाता था. कम्पनी के डायरेक्टर के रूप में वह रौब दिखता था. विभूतिखंड इंस्पेक्टर की विवेचना में यह बात सामने आयी है कि उसका भतीजा सब देखता था. पुलिस भतीजे की कॉल डिटेल भी निकलवायी है. जिसके आधार पर पता किया जायेगा भतीजा किस रिश्तेदार,लखनऊ के किन लोगों के ज्यादा सम्पर्क में रहता था.