- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- धर्मांतरण रैकेट:...
उत्तर प्रदेश
धर्मांतरण रैकेट: विदेशों से भारतीय NGO के जरिए मिलता था चंदा, पुराने वीडियो सामने आए, NIA की भी हो सकती है एंट्री
jantaserishta.com
23 Jun 2021 5:15 AM GMT
x
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार उमर गौतम के कई पुराने वीडियो सामने आए हैं. खुद उमर गौतम का दावा है कि इस्लामिक दावा सेंटर जामिया दिल्ली में उसने करीब 1000 लोगों के धर्मांतरण सम्बन्धी डॉक्यूमेंट जारी किये हैं. बताया जा रहा है कि इस्लामिक दावा सेंटर में महीने में औसत 15 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण डॉक्यूमेंट किया जाता है.
यूपी पुलिस के सूत्र के मुताबिक, उमर गौतम ने कबूल किया कि इस्लामिक दावा सेंटर में इंग्लैंड, सिंगापुर, पोलैंड तक में धर्मांतरण का काम होता है, लोगों के इस्लाम कबूल करने से अल्लाह का काम हो रहा है. उमर गौतम के कबूलनामे का वीडियो सामने आने से धर्मांतरण मामले में बड़ा खुलासा हो रहा है.
"गोरखपुर के यादव घराने के नवयुवक का नाम बदलकर मैंने मोहम्मद उस्मान रखा"
— Rakesh Tripathi (@rakeshbjpup) June 23, 2021
धर्मान्तरण मामले में पकडे गए उमर गौतम का कुबूलनामा
खुद उमर गौतम का दावा इस्लामिक दावा सेंटर जामिया दिल्ली में उसने करीब 1000 लोगो के धर्मान्तरण सम्बन्धी डॉक्यूमेंट जारी किये हैं।#धर्मान्तरण खतरनाक है pic.twitter.com/NVOSh1lW4w
20 जून को हुआ था खुलासा
गौरतलब है कि 20 जून को यूपी एटीएस ने कमजोर और सीमांत वर्गों को हिंदुओं का धर्मांतरण कराने वाले एक रैकेट का खुलासा किया था. यूपी पुलिस ने इस्लामिक दावा सेंटर के अध्यक्ष उमर गौतम और काजी मुफ्ती जहांगीर आलम (धर्मांतरण से संबंधित कानूनी दस्तावेज बनाने में शामिल) नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था.
धर्मांतरण के इस रैकेट का खुलासा नोएडा डेफ सोसायटी में पढ़ने वाले 12-15 मूक-बधिर युवकों को लालच देकर धर्मांतरण कराने के बाद हुआ था. पूछताछ में पता चला कि इस्लामिक दावा सेंटर एनसीआर में धर्मांतरण केंद्र चलाया रहा है और उमर गौतम ने खुद बड़ी संख्या में युवा महिलाओं सहित 1000 से अधिक लोगों का धर्मांतरण कराया है.
इस्लामिक दावा सेंटर को अमेरिका, कतर, कुवैत आदि में स्थित गैर सरकारी संगठनों से विदेशी चंदा मिलने का शक है. फातिमा चैरिटेबल फाउंडेशन (दिल्ली), अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन (लखनऊ), मेवात ट्रस्ट फॉर एजुकेशनल वेलफेयर (फरीदाबाद), मरकजुल मारीफ (मुंबई) और ह्यूमन सॉलिडेरिटी फाउंडेशन सहित कई भारत-आधारित एफसीआरए पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से फंड को आईडीसी को दिया जाता है.
बताया जा रहा है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में अनुवादक के रूप में काम करने वाले इरफ़ान शेख भी इस धर्मांतरण रैकेट में शामिल है. वह आईडीसी को ज़रूरतमंद मूक-बधिर युवाओं और महिलाओं की पहचान करने में मदद कर रहा था, जिन्हें आर्थिक मदद देकर धर्मांतरण के लिए कोशिश की जा सके.
आईडीसी का कतर स्थित सलाफी उपदेशक डॉ बिलाल फिलिप्स द्वारा स्थापित इस्लामिक ऑनलाइन विश्वविद्यालय के साथ संबंध हैं, जो जाकिर नाइक के सहयोगी हैं. उमर गौतम के ग्लोबल पीस सेंटर, दिल्ली के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जो मौलाना कलीम सिद्दीकी द्वारा संचालित है, जो विशेष रूप से मेवात क्षेत्र में धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल है.
वर्तमान में देश भर में 60 से अधिक दावा संस्थान चलाए जा रहे हैं. खासतौर पर यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र में आईडीसी के सेंटर चल रहे हैं.
jantaserishta.com
Next Story