उत्तर प्रदेश

लेखा महानियंत्रक की ओर से पूर्वांचल डिस्कॉम से पांच बिंदुओं पर मांगी गई जानकारी

Harrison
29 Sep 2023 1:56 PM GMT
लेखा महानियंत्रक की ओर से पूर्वांचल डिस्कॉम से पांच बिंदुओं पर मांगी गई जानकारी
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उत्तरप्रदेश | लेखा महानियंत्रक (लखनऊ) की टीम ने बनारस शहर में आईपीडीएस (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम) के तहत 108 करोड़ रुपये से हुए कामों में भारी गड़बड़ी पकड़ी है. अनुबंधित लंबाई के मुताबिक बिजली के तार नहीं लगाए गए.
इनमें एचटी व एलटी दोनों श्रेणियों के तार हैं. सीनियर ऑडिटर निखिल जायसवाल की रिपोर्ट के आधार पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता (आइपीडीएस) को 11 सितंबर को पत्र जारी किया गया है. लेखा महानियंत्रक ने पांच बिंदुओं पर सूचना मांगी है.
अनुबंध और वास्तविक कार्यों में मिला अंतर रिपोर्ट के अनुसार लाइनों की लंबाई एवं वास्तविक कार्यों में काफी अंतर मिला है. पुरानी 33 केवी लाइन की लंबाई अनुबंध में 3400 मीटर थी जबकि बनी 1272 मीटर ही लाइन. 52690 मीटर लंबी पुरानी 11 केवी लाइन के स्थान पर 47219 मीटर का कार्य कराया गया. पुरानी 220 किलोमीटर एचटी लाइन के स्थान पर 52.4 किलोमीटर की लाइन ही हटाई गई.
रिपोर्ट में मिली खामियों की करेंगे पड़ताल
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता (आइपीडीएस) चंद्रजीत कुमार ने बताया कि ऑडिट रिपोर्ट में मिली खामियों की जांच के लिए अलग से एक टीम गठित की गई है. इसके लिए एमडी शंभु कुमार ने निर्देश दिया था.
विभाग को कंडक्टर नहीं किया वापस
पत्र के अनुसार कार्यदायी एजेंसी ने डिस्मेंटल लाइन के कंडक्टर आदि विभाग को वापस नहीं किया. इन सामग्रियों को वेसू-1 तथा वेसू-2 सर्किल के स्टोर में जमा होना था. ऑडिटर ने अनुबंध के सापेक्ष हटाई गई सामग्रियों व वास्तविक इस्टीमेट की कापी मांगी हैताकि पता चल सके कि कितनी कम सामग्री वापस हुई है. साथ ही उसकी मात्रा तथा मूल्य विवरण भी मांगा गया है.
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