उत्तर प्रदेश

गर्भनिरोधक गोली और सुरक्षित होगी, अंगदान कर मरीजों की बचा सकते हैं जिंदगी

Harrison
17 Aug 2023 7:55 AM GMT
गर्भनिरोधक गोली और सुरक्षित होगी, अंगदान कर मरीजों की बचा सकते हैं जिंदगी
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उत्तरप्रदेश | अब गर्भ निरोधक गोली और सुरक्षित होगी. महज एक रसायन से ही गोली तैयार होगी. इस पर शोध होगा. केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान दवा पर परीक्षण करेगा. भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सिप्ला लिमिटेड को लेवोर्मेलॉक्सिफेन के प्रथम चरण के क्लीनिकल परीक्षण करने की अनुमति दे दी है. नई दवा सिप्ला और सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट संयुक्त सहयोग से विकसित की जाएगी. यह एक ओरल व गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधक के रूप में विकसित की जा रही है.
ऑरमेलॉक्सिफेन सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने विकसित एक गैर-हार्मोनल मौखिक गर्भनिरोधक गोली है. यह 1990 के दशक से सहेली ब्रांड नाम से बाजार में उपलब्ध है. यह छाया ब्रांड के साथ भारत सरकार के राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम में भी शामिल है. सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने कहा कि अलग से शुद्ध एनैन्शियोमर विकसित करने का मकसद उपयोगकर्ताओं की प्रजनन आयु की महिलाओं के लिए समग्र रासायनिक बोझ को कम करना है. ओर्मेलोक्सीफेन के डेक्स्ट्रो-ओर्मेलोक्सीफेन एवं लेवो-ओर्मेलोक्सीफेन नामक दो प्रतिरूप (एनैन्शियोओमर्स) हैं.
अंगदान कर मरीजों की बचा सकते हैं जिंदगी
लखनऊ. अंगदान से सात मरीजों को नई जिंदगी मिल सकती है. अंगदान को लेकर ब्रेन डेड मरीज के परिवारीजनों को जागरूक करने की जरूरत है. ब्रेन डेड मरीज के परिवारीजन अंगदान कर गंभीर मरीजों का जीवन बचा सकते हैं. केजीएमयू के डॉ. अभिजीत चन्द्रा के मुताबिक दिल, आंखें, फेफड़े, गुर्दे, पैनक्रियाज, लिवर और स्किन जैसे अंग किसी की मौत के बाद किसी और के काम आ जाते हैं. डॉ. आशीष मिश्रा ने बताया कि लिवर प्रत्यारोपण में एक छोटा हिस्सा दान देकर जीवन बचा सकते हैं. भारत में प्रत्येक वर्ष ट्रांसप्लांट के लिए 50 हजार लिवर की आवश्यकता होती है.
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