उत्तर प्रदेश

यूपी में उपभोक्ताओं को लग सकता है झटका, बिजली का बिल बढ़ाने की तैयारी में कंपनियां, जानिए क्या रखा है प्रस्ताव

Renuka Sahu
19 Jun 2022 1:45 AM GMT
Consumers may get a setback in UP, companies preparing to increase electricity bill, know what has been proposed
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फाइल फोटो 

उत्तर प्रदेश में जल्द ही बिजली उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली दरों का बोझ बढ़ सकता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश में जल्द ही बिजली उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली दरों (electricity rates) का बोझ बढ़ सकता है. अगर बिजली कंपनियों के स्लैब बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो घरेलू उपभोक्ताओं के हर महीने आने वाले बिल में 25 से 200 रुपये की बढ़ोतरी होगी. जानकारी के मुताबिक बिजली कंपनियों ने इसके लिए मसौदा तैयार किया है और कोयले की कीमत और अन्य वजहों को बताकर बिजली की कीमतों में इजाफा करने की तैयारी चल रही है. खास बात ये है कि बिजली की दरों में इजाफे के दो प्रस्ताव को पहले ही बिजली नियामक आयोग (UP Electricity Regulatory Commission) खारिज कर चुका है. उसके बावजूद बिजली कंपनियां इसे फिर से तैयार कर आयोग को भेज रही हैं.

दरअसल बिजली कंपनियों ने यूपी बिजली नियामक आयोग में बिजली दरों में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं दिया था. लेकिन उसके बावजूद बिजली कंपनियों ने स्लैब चेंज के जरिए बिजली उपभोक्ताओं से ज्यादा पैसा वसूलने का प्रस्ताव रखा है. इसके तहत कंपनियों ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के स्लैब में प्रस्तावित बदलाव के जरिए बिजली यूनिटों की संख्या घटाई गई है। और कहा जा रहा है कि अगर ये स्लैब चेंज रेगुलेटरी कमीशन अगर मान लेता है तो घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली के बिल में इजाफा होना तय है. असल में राज्य में पिछले दो साल से रेगुलेटरी कमीशन में बिजली कंपनियों के स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव खारिज हो रहा है और कंपनियों ने स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया है. गौरतलब है कि 21 जून से बिजली कंपनियों के एआरआर और बिजली दरों पर नियामक आयोग को सुनवाई होनी है.
उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध
राज्य में बिजली की कीमतों को पिछले दरवाजे से बढ़ाने के खेल का विरोध बिजली उपभोक्ता परिषद ने किया है. परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा है कि स्लैब परिवर्तन का जो प्रस्ताव पिछले दो बार से खारिज किया जा रहा है और कंपनियों ने एक बार फिर प्रस्ताव रखा है. जो पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि स्लैब में बदलाव लागू हो जाए तो करीब 90 लाख बिजली उपभोक्ताओं का बिजली बिल बढ़ जाएगा और इससे घरेलू, शहरी और शहरी दुकानदारों के साथ-साथ अन्य श्रेणी के उपभोक्ता भी प्रभावित होंगे.
जानिए क्या रखा है प्रस्ताव
बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग के सामने जो प्रस्ताव दिया है. उसके तहत 1-100 यूनिट की दर 5.50 रुपये प्रति यूनिट होंगी. जबकि वर्तमान में ये चार्ज 150 यूनिट तक लिया जाता है. इसी तरह से वर्तमान में 150-300 यूनिट तक दर 6.00 रुपये प्रति यूनिट की दर तय है. जिसके लिए कंपनियों ने यूनिट की संख्या घटाकर 150 कर दी है. इसी तरह तरह से 300-500 यूनिट तक दर 6.50 रुपये प्रति यूनिट वर्तमान में उपभोक्ताओं के ली जाती है और अब इसकी संख्या को 300 करने का प्रस्ताव दिया गया है. जबकि वर्तमान में 500 यूनिट और अधिक पर दर 7.00 रुपये प्रति यूनिट दर से बिजली का बिल वसूला जाता है और अब यूनिट की संख्या को घटाकर 300 यूनिट करने का प्रस्ताव दिया गया है.
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