उत्तर प्रदेश

विद्युत विभाग की झटपट कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं को 15 से 20 दिनों का इंतजार करना पड़ा महंगा

Admin Delhi 1
7 Oct 2022 9:11 AM GMT
विद्युत विभाग की झटपट कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं को 15 से 20 दिनों का इंतजार करना पड़ा महंगा
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मेरठ न्यूज़: बिजली कनेक्शन लेने वालों को असुविधा न हो इसके लिए 2020 में तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पूरे प्रदेश में झटपट योजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य यह था कि नए कनेक्शन लेने वालों को कनेक्शन लेने में कोई परेशानी न हो, लेकिन इस समय यह योजना पूरी तरह निष्क्रिय साबित हो रही है। कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं को 15 से 20 दिनों का इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि योजना के मुताबिक महज सात दिन में ही कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। वहीं, बिजली विभाग का दावा है योजना बिल्कुल ठीक तरीके से चल रही है। कुछ दिन पहले बिजली मीटरों की कमी के चलते कनेक्शन देने में परेशानी हो रही थी, लेकिन अब पर्याप्त संख्या में मीटर विभाग के पास पहुंच गए हैं। झटपट योजना के तहत बिजली कनेक्शन के लिए आॅनलाइन आवेदन किया जाता है। इस दौरान आवेदन करने वाले को आॅनलाइन सभी दस्तावेज अपलोड करने होते हैं। दस्तावेजों में यदि कोई कमी है तो तीन दिनों के भीतर ही आवेदक को बिजली विभाग फोन पर कागजातों की कमी के बारे में जानकारी देना जरूरी है, लेकिन शिकायत है विभाग आवेदक द्वारा अपने दस्तावेजों को अपलोड करने के बाद अंतिम दिन कागजों में कमी की जानकारी दे रहा है।

इससे आवेदक को खासी परेशानी होती है और अंतिम दिन किस तरह कमी को पूरा किया जाए यह समस्या सामने आती है। चर्चा है कि अंतिम दिन कागजों में कमी की सूचना देने के पीछे विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा वसूली का खेल चल रहा है। यदि आवेदक के कागजों में कोई कमी होती है तो उसे समय रहते जानकारी क्यों नहीं उपलब्ध कराई जाती है। झटपट योजना के अंतर्गत कनेक्शन लेने वालों को एक सप्ताह में कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना चाहिए, लेकिन जिन आवेदकों के कागजों में कमी बताई जाती है वह उसे दूर नहीं कर पाते हैं। इसी वजह से हजारों की संख्या में शहरी क्षेत्र में नए कनेक्शन वेटिंग में चल रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिजली विभाग में नए कनेक्शन के नाम पर वसूली चल रही है। ऐसे में बिना कनेक्शन उपभोक्ता कैसे बिजली का लाभ ले यह बड़ा सवाल है।

कनेक्शन के लिए चार सौ रुपये प्रति किलो वाट की सिक्योरिटी, मीटर चार्ज के रूप में नौ सौ रुपये व उसके साथ ही मीटर की कीमत पर 18 प्रतिशत जीएसटी ली जाती है, लेकिन नए कनेक्शन देने में विभाग खेल कर रहा है। बिजली विभाग के पास नए मीटर उपलब्ध नहीं है। यह भी वजह बताई जा रही जिस वजह से नए कनेक्शन देने में परेशानी हो रही हैं। आवेदक के आवेदन करने के बाद भी उसे कनेक्शन तय समय पर नहीं मिल पा रहा है।

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