उत्तर प्रदेश

निर्माण निगम ने बिना टेंडर कराए काम

Admin Delhi 1
13 Jun 2023 8:06 AM GMT
निर्माण निगम ने बिना टेंडर कराए काम
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लखनऊ न्यूज़: राजकीय निर्माण निगम के अफसरों ने लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) और किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में कराए गए निर्माण कार्यों में जमकर अनियमितता की थी. इन कार्यों के लिए टेंडर न कराकर बैक टू बैक पद्धति से वर्क आर्डर जारी किया गया. इस तरह निर्माण निगम ने उप ठेकेदारों के माध्यम से काम कराकर 12.5 प्रतिशत सेंटेज चार्ज प्राप्त किया.

निर्माण निगम का यह कारनामा उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की खुली जांच में सामने आया है. इससे पहले वर्ष 2012 में लोकायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट में विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी.

अब विजिलेंस ने अपनी जांच के आधार पर निर्माण निगम के 16 तत्कालीन अधिकारियों समेत 20 को प्रथमदृष्ट्या दोषी पाया है. इनमें तत्कालीन एमडी छत्रपाल सिंह, तत्कालीन प्रोजेक्ट मैनेजर एके गौतम व तत्कालीन इकाई प्रभारी एके पांडेय भी शामिल हैं. इन सभी 20 आरोपियों के विरुद्ध धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के मामले में मामले में दर्ज किए गए मुकदमे की विवेचना में अभी और भी तथ्य जुड़ेंगे. एसजीपीजीआई ट्रामा सेंटर एवं एसजीपीजीआई हेप्टोबयलरी एंड लिवर ट्रांसप्लांट भवन के निर्माण में पॉवर आफ अटार्नी के आधार पर तीन फर्मों को कोटेशन दिए गए, जबकि तीनों फर्मों के मालिक समान हैं.

जांच में पाया गया कि यदि निर्माण निगम ने टेंडर प्रक्रिया का पालन किया होता तो प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त होतीं, जिससे न्यूनतम दर प्राप्त हो सकती थी और सरकार को आर्थिक क्षति नहीं होती. इसी तरह उत्तर प्रदेश राज्य अतिथि गृह वासी मुंबई और केजीएमयू के डेंटल एक्टेंशन भवन के निर्माण में भी बैक टू बैक पद्धति से कोटेशन के आधार पर वर्क आर्डर जारी किया गया.

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