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गोरखपुर न्यूज़: आम चुनाव की अधिसूचना के पूर्व सरकार नया गोरखपुर बसाने की योजना को अमली जामा पहनाना चाहती है. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में मुआवजे पर ग्रामीणों के प्रतिरोध को देखते हुए नया फार्मूले पर विचार हुआ. तय हुआ कि पिछले छह माह में हुए बैनामों के औसत का चार गुना मुआवजा दिया जाएगा. अब देखना यह है कि इस फार्मूले को इन गांवों के ग्रामीण स्वीकार करते हैं या नहीं.
जीडीए ने सीएम योगी आदित्यनाथ की ‘नया गोरखपुर’ की परियोजना पर अमल की कवायद नए सिरे से शुरू की है. प्राधिकरण ने शहर के उत्तर दिशा में बालापार-महराजगंज मार्ग के गांवों एवं कुसम्ही क्षेत्र में कुशीनगर रोड के गांवों में जमीन अधिग्रहण की कार्य योजना बनाई है. 24 गांवों से ही 6000 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी. किसानों का एतराज है कि पिछले सात साल से सर्किल रेट नहीं बढ़ा है. वर्तमान बाजार मूल्य की तुलना में सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा भी काफी कम है. वर्तमान में उनकी जमीनों का बाजार भाव काफी ज्यादा है. इसलिए मुआवजे की धनराशि बढ़ाई जानी चाहिए. किसानों के कड़े प्रतिरोध को देखते हुए जीडीए के उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने जिला प्रशासन से मुआवजे की धनराशि पर पुनर्विचार की अपील की थी. इस पर कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम की अध्यक्षता में बैठक हुई. तय हुआ कि संबंधित गांवों में 6 महीने में हुए बैनामों की रजिस्ट्री की प्रति निकाली जाए. उसमें जमीन का जो मूल्य रहा हो, उसका औसत निकाला जाए. औसत यदि सर्किल रेट से अधिक आएगा तो उसके चार गुणा के बराबर मुआवजा दिया जाएगा.
इसके लिए किसानों की राय जानने के बाद शासन को भी लिखा जाएगा. प्राधिकरण के सचिव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि जमीनों की रजिस्ट्री निकाल कर जल्द ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.